दोगुनी उम्र के व्यक्ति से बाल विवाह के डर के कारण घर से भागी नाबालिग लड़की

इंदौर. मध्यप्रदेश के इंदौर में 17 वर्षीय लड़की ने स्थानीय प्रशासन को बुधवार को शिकायत दर्ज कराई कि उसके परिवार वालों ने उसे सामाजिक प्रथा के नाम पर दोगुनी उम्र के व्यक्ति से बाल विवाह के लिए कथित तौर पर प्रताड़ित किया. बाल विवाह के खिलाफ महिला और बाल विकास विभाग की ओर से गठित उड़नदस्ते के प्रभारी महेंद्र पाठक ने यह जानकारी दी.

पाठक ने बताया,‘‘नाबालिग लड़की इंदौर से सटे देवास जिले की रहने वाली है. 17 साल की इस लड़की ने बताया कि उसके परिवार वालों ने सामाजिक प्रथा के नाम पर उसे इस बात के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया कि वह 33 वर्षीय व्यक्ति से शादी कर ले.’’ पाठक के मुताबिक दोगुनी उम्र के व्यक्ति से लड़की का बाल विवाह 12 मई को होना था और इसके डर से वह एक परिचित व्यक्ति की मदद से घर से छह मई को भाग गई तथा इंदौर के एक छात्रावास में अपनी सहेली के साथ रह रही थी.

उन्होंने बताया कि लड़की ने आरोप लगाया कि घर में रहने के दौरान इस शादी से इनकार करने पर उसके पिता और भाई उसे पीट भी चुके हैं. पाठक ने बताया, ‘‘चूंकि मामला देवास जिले का है, इसलिए नाबालिग लड़की को पुलिस सुरक्षा में देवास की बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के पास भेजा गया है. सीडब्ल्यूसी संबंधित पक्षों को सुनकर इस मामले में उचित फैसला करेगी.’’ गौरतलब है कि देश में 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के और 18 साल से कम आयु की लड़की की शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है जो कानूनन अपराध है. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत दोषी को दो वर्ष तक के सश्रम कारावास अथवा एक लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं का प्रावधान है.

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