कर्नाटक में मोदी ने कांग्रेस और जद (एस) पर शासन के लिए ‘शॉर्टकट की राजनीति’ का लगाया आरोप

बेलहोंगल. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि शासन के लिए ‘शॉर्टकट’ रास्ता अपनाने ने देश में वोट बैंक की राजनीति को जन्म दिया है. कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) पर इसी प्रकार की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि देश के 21वीं सदी के युवा अपना भविष्य ऐसे लोगों के हाथों में नहीं छोड़ना चाहते. उन्होंने कहा कि भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास’ के जरिए ‘शॉर्टकट’ राजनीति से छुटकारा पाने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘कर्नाटक के लोगों को कांग्रेस और जद (एस) के शॉर्टकट राजनीति के बारे में सतर्क रहना चाहिए… शॉर्टकट राजनीति ने देश में वोट बैंक की राजनीति को जन्म दिया है. जब कोई शॉर्टकट राजनीति करता है तो कांग्रेस की तरह सबसे पहले यही सोचता है कि समाज को बांट दो, समाज के टुकड़े-टुकड़े कर दो, एक जाति को दूसरी जाति से लड़ाओ, गांव को शहर से लड़ाओ… पंथ के नाम पर बांट दो, संप्रदाय के नाम पर बांट दो. इससे विकास नहीं होता है.’’

बेलगावी जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस और जद (एस) को शॉर्टकट राजनीति से पहले भले ही फायदा हुआ हो लेकिन जो नौजवान 21वीं सदी में पैदा हुआ है वो अपना भविष्य शॉर्टकट वालों के हाथ छोड़कर कट-शॉर्ट होना नहीं चाहता है.

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी राजनीति के कारण आजादी के इतने वर्षों बाद भी हम गांवों तक बिजली आपूर्ति नहीं पहुंचने और उचित आश्रयों, बैंक खातों और जल आपूर्ति की कमी जैसे मुद्दों का सामना कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास’ के ‘दृष्टिकोण’ के साथ ‘शॉर्टकट’ राजनीति को खत्म करने की कोशिश कर रही है.

मोदी ने कांग्रेस पर ‘तुष्टिकरण को अपना आधार’ बना लेने का आरोप लगाया और राज्य की जनता को इससे सतर्क रहने की सलाह दी.
उन्होंने कहा, ‘‘एकजुटता ही कर्नाटक के विकास का सबसे बड़ा सूत्र है. आज कर्नाटक के खिलाफ जिस तरह की साजिश हो रही है, कर्नाटक की पहचान बदलने की कोशिश हो रही है… जिस तरह कांग्रेस ने तुष्टिकरण का सबसे बड़ा आधार बना दिया है.

कर्नाटक के लोगों को इससे सतर्क रहना है. आप लोगों की एकजुटता ही कांग्रेस और उसके जैसी सोच वाले लोगों को परास्त करेगी.’’ लोकतंत्र में जवाबदेही को महत्वपूर्ण बताते हुए मोदी ने दावा किया कि भाजपा कर्नाटक के लोगों के प्रति जवाबदेह है लेकिन कांग्रेस और जद (एस) के साथ ऐसा नहीं है क्योंकि उनकी जवाबदेही कथित तौर पर उन परिवारों के प्रति है जो उन्हें चलाते हैं.

यह रेखांकित करते हुए कि कांग्रेस नीत सरकारें सिर्फ तीन राज्यों में हैं और 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीतने वाले जद (एस) के आधे से अधिक विधायक तीन जिलों से थे, प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अब इन तीन राज्यों और जिलों के लोग भी इन दोनों दलों से छुटकारा पाना चाहते हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ये डूबते जहाज (कांग्रेस और जद-एस)) लोगों का भविष्य नहीं बना सकते. जो लोग अपना भविष्य नहीं बना सकते, वे आपका (लोगों का) भविष्य कैसे बनाएंगे?’’ मोदी ने कहा कि सरकारी सेवाओं से जुड़ी ज्यादातर परीक्षाएं केवल हिंदी और अंग्रेजी में हुआ करती थीं लेकिन कांग्रेस और जद (एस) ने इसका समाधान खोजने के लिए कोई प्रयास नहीं किया. उन्होंने कहा कि यह भाजपा सरकार है जिसने कन्नड़ जैसी क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा लिखने का विकल्प दिया.

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