मोदी ने संदेशखाली की महिलाओं से मुलाकात करके न्याय का भरोसा दिया, उन्हें ‘मां दुर्गा’ कहा

संदेशखाली का ज्वार पूरे बंगाल में फूटेगा, तृणमूल कांग्रेस का सफाया कर देगा: मोदी

बारासात. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को संदेशखाली की महिलाओं के एक समूह से मुलाकात की, जहां तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगे हैं. मोदी ने इन महिलाओं को न्याय और सुरक्षा का भरोसा दिया. मोदी ने उत्तर 24 परगना जिले के बारासात में एक जनसभा के बाद इन महिलाओं से मुलाकात की. संदेशखाली इसी जिले में स्थित है. मोदी ने उन पांच महिलाओं से मुलाकात की जिन्होंने टीएमसी के निलंबित नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. मोदी ने कथित अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं को ‘मां दुर्गा’ बताया. भाजपा की महिला मोर्चा द्वारा आयोजित रैली का विषय ‘नारी शक्ति वंदन’ था.

हालांकि, संदेशखाली से रैली स्थल की ओर जा रहीं सैकड़ों महिलाएं प्रधानमंत्री से मिलने में विफल रहीं क्योंकि रास्ते में कई स्थानों पर पुलिस ने उनके वाहनों को रोक दिया जिसके परिणामस्वरूप रैली स्थल पर पहुंचने में उन्हें विलंब हुआ. इन महिलाएं के साथ भाजपा कार्यकर्ता भी थे और जहां इनके वाहनों को रोका गया था वहां के साथ-साथ वे रैली स्थल पर भी राज्य प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करती देखी गईं.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई की महासचिव अग्निमित्रा पॉल ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”जनसभा के बाद, प्रधानमंत्री ने संदेशखाली की कुछ महिलाओं से मुलाकात की. महिलाओं ने उन पर हुए अत्याचारों के बारे में बताया.” पीड़ितों में से एक ने संवाददाताओं से कहा, ”जब हम उनके पैर छूने और अपनी दुर्दशा बताने के लिए मंच के पीछे उनके घेरे में गए, तो उन्होंने हमें मां दुर्गा कहा और हमारे प्रति अपना सम्मान प्रर्दिशत किया.”

संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों द्वारा प्रताड़ित की गई महिलाओं के समूह ने बाद में कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए पूरी सुरक्षा और संरक्षण का आश्वासन दिया. भाजपा सूत्रों ने कहा कि महिलाएं प्रधानमंत्री को आपबीती सुनाते समय भावुक हो गईं और प्रधानमंत्री ने “एक पिता की तरह” धैर्यपूर्वक उनकी बात सुनीं. सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनका दर्द समझा.

संदेशखाली की एक महिला निवासी ने मोदी से मुलाकात के बाद कहा, ”उन्होंने हमारे नाम और उन गांवों के नाम पूछे जहां हम रहती हैं. हमने उन्हें अपराध करने वालों के नाम बताए और उन्हें उस असुरक्षा के बारे में बताया जिसमें हम रह रहे हैं. उन्होंने हमें चिंता न करने के लिए कहा और अपराधियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए हमारे प्रति सम्मान व्यक्त किया.” एक अन्य महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, ”हमने उनसे यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि हमें न्याय मिले क्योंकि हमें राज्य प्रशासन पर भरोसा नहीं है. प्रधानमंत्री ने अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद हमें धैर्यपूर्वक सुना. हमने उन्हें अपनी आपबीती सुनायी. हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा.”

इससे पहले दिन में, भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि उन कई बसेों को पुलिस ने “सुरक्षा प्रोटोकॉल” का हवाला देते हुए कई स्थानों पर रोक दिया जिनमें संदेशखाली से महिलाएं प्रधानमंत्री की रैली स्थल जा रही थीं. प्रदेश भाजपा ने उन महिलाओं को संदेशखाली से लगभग 80 किलोमीटर दूर रैली स्थल तक ले जाने और प्रधानमंत्री से मिलने के लिए बसों की व्यवस्था की थी जिनका टीएमसी के निलंबित नेता शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों द्वारा कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया था.

बसों में से एक में मौजूद भाजपा के एक नेता ने आरोप लगाया, ”सुरक्षा प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए बसों को पहले न्यू टाउन में बिस्वा बांग्ला गेट पर और फिर बारासात के रास्ते में एयरपोर्ट गेट एक पर रोका गया, जबकि अन्य वाहनों को अनुमति दी गई. पुलिस हमें प्रधानमंत्री की रैली स्थल पर समय पर पहुंचने से रोकने की कोशिश कर रही है.” हालांकि, पुलिस ने कहा कि “सुरक्षा प्रोटोकॉल” के कारण इस मार्ग पर यातायात की आवाजाही प्रतिबंधित करनी पड़ी क्योंकि प्रधानमंत्री को एनएससी बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बाहर निकलने के बाद उस सड़क से जाना था.

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “सुरक्षा कारणों से पूरे मार्ग पर यातायात की आवाजाही प्रतिबंधित थी. जब प्रधानमंत्री का काफिला आने वाला था तो बसें उस क्षेत्र में पहुंचीं और इसलिए सुरक्षा कारणों से आवाजाही को नियंत्रित किया गया था.” उन्होंने कहा कि काफिला गुजरने के बाद बसों को जाने की अनुमति दी गई.हालांकि, महिलाएं इससे आश्वस्त नहीं थीं.

संदेशखाली की एक असंतुष्ट महिला ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”पुलिस ने जानबूझकर हमारी बसों को तीन स्थानों पर रोका. वे हमें उन बैनरों से पहचान सकते थे जो हमने बसों पर लटकाए थे. हम सुबह 7 बजे अपने घरों से निकले और फिर भी प्रधानमंत्री से मिलने के लिए समय पर रैली स्थल तक नहीं पहुंच पाए.” उन्होंने दावा किया कि वे लगभग 20 बसों के काफिले में रैली स्थल तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे. मोदी अपराह्नन करीब 1.30 बजे बारासात से रवाना हुए. बसों को आयोजन स्थल तक पहुंचने में छह घंटे से अधिक का समय लगा, जबकि सामान्य परिस्थितियों में, उन्हें तीन घंटे से अधिक नहीं लगना चाहिए था.

उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता शाहजहां शेख और उसके साथियों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोप हैं. मोदी ने बुधवार को महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मुद्दे पर टीएमसी की आलोचना की और कहा कि “संदेशखाली का ज्वार” पूरे पश्चिम बंगाल में पहुंचेगा. उन्होंने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में ‘नारी शक्ति’ टीएमसी को खत्म कर देगी.

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