मोदी ने पवार और उद्धव से कहा, कांग्रेस के साथ ‘मरने’ से बेहतर है अजित और शिंदे के साथ हो लें
नंदुरबार. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ‘नकली राकांपा और शिवसेना’ ने चार जून के लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस में विलय करने का मन बना लिया है लेकिन उन्हें इसके बजाय अजित पवार और एकनाथ शिंदे के साथ मिल जाना चाहिए.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार का नाम लिए बगैर मोदी ने कहा, ”महाराष्ट्र के एक दिग्गज नेता, जो 40-50 साल से राजनीति कर रहे हैं. बारामती के चुनाव के बाद वह इतने चिंतित हैं कि उन्होंने एक बयान दिया है. मैं मानता हूं कि काफी लोगों से विचार-विमर्श करने के बाद ही उन्होंने यह बयान दिया होगा.”
उत्तर महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि वह इतने हताश और निराश हो गए हैं कि उनको लगता है कि अगर चार जून के बाद राजनीतिक जीवन में टिके रहना है तो छोटे-छोटे राजनीतिक दलों को कांग्रेस में विलय कर लेना चाहिए.
नंदुरबार लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने निवर्तमान सांसद हीना गावित को फिर से उम्मीदवार बनाया है. उनका मुकाबला कांग्रेस के गोवाल पाडावी से है. इस सीट पर आम चुनाव के चौथे चरण में 13 मई को मतदान होगा. मोदी ने कहा, ”इसका मतलब है कि यह जो नकली राकांपा और नकली शिवसेना है, उन्होंने कांग्रेस में विलय करने का मन बना लिया है. चार जून के बाद कांग्रेस में जाकर मरने के बजाय सीना तानकर हमारे अजीत दादा के साथ और शिंदे जी के साथ आओ, बड़े शान से सपने पूरे हो जाएंगे.” शरद पवार ने हाल ही में एक अखबार को दिए साक्षात्कार में कहा था कि अगले कुछ साल में कई क्षेत्रीय दल कांग्रेस के और करीब आएंगे और उसमें विलय कर लेंगे.
रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह ‘हिंदू आस्था’ को खत्म करने की साजिश रच रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ‘शहजादे’ के गुरु ने अमेरिका से कहा है कि राम मंदिर और रामनवमी का त्योहार भारत की अवधारणा के खिलाफ है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस का एजेंडा इतना खतरनाक है कि वह राम मंदिर निर्माण और रामनवमी के जश्न को भारत की अवधारणा के खिलाफ करार देती है.
उन्होंने कहा, ”वे कह सकते हैं कि मेरा मंदिर जाना भारत विरोधी है. कांग्रेस की मानसिकता देखिए कि राम की भूमि पर राम का ही मंदिर भारत विरोधी है.” उन्होंने कहा कि ये लोग सरकारी इफ्तार पार्टी का आयोजन करते हैं और आतंकवादियों की कब्रों का सौंदर्यीकरण करते हैं. मोदी को मुगल बादशाह औरंगजेब की तरह महाराष्ट्र में ‘दफनाने’ की शिवसेना नेता संजय राउत की कथित टिप्पणी की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नकली शिवसेना वाले उन्हें जिंदा दफनाने की बात करते हैं.
उन्होंने कहा, ”नकली शिवसेना मुझे जिंदा दफनाना चाहती है. वे मुझे इस तरह गालियां देते हैं कि यह उनके पसंदीदा वोट बैंक को पसंद आए. इन लोगों ने जनता का समर्थन खो दिया है और उनकी राजनीति खत्म हो गई है. भारत के लोग मेरे सुरक्षा कवच हैं. ये लोग मुझे जिंदा या मृत दफन नहीं कर सकते.” मोदी ने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण का लाभ प्रदान करना संविधान में निहित मूल्यों और सिद्धांतों के खिलाफ है.
उन्होंने कहा, ”जब तक मोदी जीवित है, मैं दलितों, आदिवासियों, ओबीसी का आरक्षण धर्म के आधार पर मुसलमानों को नहीं देने दूंगा.” मोदी ने कहा कि आदिवासियों और वंचित वर्गों की सेवा करना उनके लिए परिवार के सदस्यों की सेवा करने जैसा है.
उन्होंने कहा, ”मैं कांग्रेस के शाही परिवार की तरह नहीं हूं, बल्कि एक गरीब परिवार में पला-बढ.ा हूं. आजादी के 60 साल बाद भी आवास, बिजली और पानी की कमी के मामले में आदिवासियों और गरीबों को बहुत नुकसान उठाना पड़ा था. लेकिन मेरी सरकार ने उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है.” उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आदिवासियों की कोई चिंता नहीं रही और उसने आदिवासियों में व्याप्त सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए कुछ नहीं किया.