मोदी ने धामी से सिलक्यारा सुरंग के बचाव कार्यों की जानकारी ली, सुरंग विशेषज्ञ डिक्स वहां पहुंचे
सिलक्यारा सुरंग में 53 मीटर लंबी छह इंच की पाइप को मलबे के आर-पार करने में मिली कामयाबी
उत्तरकाशी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग में पिछले आठ दिनों से फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए जारी बचाव और राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली तथा उनका मनोबल बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया.
सुरंग हादसे के नौवें दिन बचाव अभियान में सहयोग करने के केंद्र सरकार के आग्रह पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स भी सिलक्यारा पहुंच गए और उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों के साथ रणनीति पर चर्चा की . मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने उनसे कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक बचाव उपकरण एवं संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं तथा केंद्र और राज्य की एजेंसियों के परस्पर समन्वय से श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा. धामी के अनुसार प्रधानमंत्री ने फंसे श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत पर भी जोर दिया .
इस बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने मोदी को अद्यतन स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य और केंद्र की विभिन्न एजेंसियां विशेषज्ञों की राय लेकर परस्पर समन्वय और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं. बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि सुरंग में फंसे श्रमिक सुरक्षित हैं और उन्हें ऑक्सीजन, पौष्टिक भोजन और पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है.
बयान के अनुसार धामी ने उन्हें यह भी बताया कि उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर निरीक्षण किया है और बचाव कार्यों पर भी लगातार नजर रखे हुए हैं. उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द बाहर निकलने की पूरी कोशिश की जा रही है.
बारह नवंबर को दीवाली वाले दिन हुए सुरंग हादसे के बाद से अब तक प्रधानमंत्री तीन बार मुख्यमंत्री से स्थिति की जानकारी ले चुके हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय की टीम भी मौके का निरीक्षण कर चुकी है और लगातार स्थिति पर नज.र बनाये हुए है . महत्वाकांक्षी चारधाम सड़क परियोजना के तहत यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही साढ.े चार किलोमीटर लंबी सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने से उसके अंदर काम कर रहे 41 श्रमिक फंस गए जिन्हें निकाले जाने के लिए युद्धस्तर पर बचाव और राहत अभियान जारी है .
‘इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसियेशन’ के अध्यक्ष डिक्स ने उम्मीद जताई कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा . उन्होंने अभी तक किए गए बचाव कार्यों पर भी संतोष जाहिर किया और कहा कि ‘बहुत सारा काम किया जा चुका है .’ डिक्स ने कहा, ” मैंने अभी सुरंग का निरीक्षण किया है जहां तैयारियों के लिए बहुत ढ.ेर सारा काम किया गया है . हम अभी पहाड़ के उपर आ रहे हैं जहां हम अन्य विकल्पों पर भी विचार करेंगे .” उन्होंने कहा,” मैं यहां कल आया था लेकिन कल और आज के बीच मैंने जो काम देखा है, वह असाधारण है ….. आज की योजना यह है कि मजदूरों को बाहर निकालने के लिए सर्वश्रेष्ठ हल निकाला जाए .” डिक्स ने हांलांकि इस संबंध में कोई समयसीमा नहीं बतायी कि बचाव अभियान कब तक चलेगा .
उन्होंने कहा, ”हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि सभी लोग सुरक्षित रहें, वे जिंदा बाहर आएं और बचावकर्मी भी सुरक्षित रहें …… सभी इस बात से सहमत होंगे कि हम लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल पाएं और बचाव कार्य को सुरक्षित रख पायें, चाहे इसमें कितना भी समय लगे .” उधर, मुख्यमंत्री ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों का हाल जानने आ रहे उनके परिजनों के रहने-खाने का इंतजाम राज्य सरकार करेगी और उसका खर्चा उठाएगी . उन्होंने कहा कि इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्य के अधिकारियों से बचाव कार्य समेत अन्य जानकारी साझा करने और समन्वय बनाने के लिए टीम में तीन और अधिकारियों को मौके पर भेज दिया है.
सिलक्यारा सुरंग में 53 मीटर लंबी छह इंच की पाइप को मलबे के आर-पार करने में मिली कामयाबी
उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग में चल रहे बचाव अभियान में सोमवार को एक महत्वपूर्ण कामयाबी मिली जब बचावर्किमयों ने सुरंग के अवरूद्ध हिस्से में ‘ड्रिलिंग’ कर मलबे के आर-पार 53 मीटर लंबी छह इंच व्यास की पाइपलाइन डाल दी जिसके जरिए पिछले आठ दिनों से सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को ज्यादा मात्रा में खाद्य सामग्री, संचार उपकरण तथा अन्य जरूरी वस्तुएं पहुंचाई जा सकेंगी . इससे पहले, श्रमिकों तक आक्सीजन, हल्की खाद्य सामग्री, मेवे, दवाइयां और पानी पहुंचाने के लिए चार इंच की पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा था .
दूसरी ‘लाइफ लाइन’ कही जा रही इस पाइपलाइन के जरिए अब श्रमिकों तक रोटी और सब्जी भी भेजी जा सकेगी . राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के निदेशक अंशु मनीष खाल्को, उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला और सुरंग के भीतर संचालित बचाव अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने संयुक्त रूप से मीडिया को यह जानकारी दी .
खाल्को ने कहा कि पिछले कई दिनों से चल रहे बचाव अभियान की यह ‘पहली कामयाबी’ है और इसके बाद श्रमिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने के प्रयास तेजी से जाएंगे . उन्होंने कहा, ”हमने मलबे के दूसरी ओर तक 53 मीटर की पाइप भेज दी है और (अंदर फंसे) श्रमिक अब हम सुन सकते हैं और महसूस कर सकते हैं .” इस पाइपलाइन के डाले जाने से अंदर फंसे श्रमिकों के जीवन को सुरक्षित बनाये रखने का भरोसा कई गुना बढ़ा है जिससे श्रमिकों और उनके परिजनों के साथ ही बचाव कार्यों में लगे लोगों में भी खुशी और उत्साह देखने को मिल रहा है . इस बीच, उत्तराखंड सरकार में सचिव डॉ नीरज खैरवाल ने परियोजना एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ सुरंग का निरीक्षण कर बचाव अभियान का जायजा लिया .