ईस्ट बंगाल को 1-0 से हराकर मोहन बागान ने 23 साल बाद डूरंड कप जीता

कोलकाता. दिमित्री पेट्राटोस के शानदार गोल की बदौलत 10 खिलाड़ियों के साथ खेल रहे मोहन बागान सुपर जाइंट्स ने रविवार को यहां फाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी ईस्ट बंगाल को 1-0 से हराकर 23 साल बाद डूरंड कप फुटबॉल टूर्नामेंट का खिताब जीता. अनिरुद्ध थापा को 62वें मिनट में मैच से बाहर किए जाने के बाद मोहन बागान को बाकी मुकाबला 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा. पेट्राटोस ने हालांकि 71वें मिनट में एकल प्रयास से गोल दागकर मोहन बागान को बढ़त दिलाई जो निर्णायक साबित हुई.

ऑस्ट्रेलिया के पेट्राटोस ने काउंटर अटैक पर अकेले दम पर ईस्ट बंगाल के डिफेंस को पछाड़ा और फिर 25 यार्ड की दूरी से दनदनाता हुआ शॉट लगाकर गेंद को गोल में पहुंचा दिया. इस दौरान ईस्ट बंगाल के गोलकीपर प्रभसुखन सिंह गिल मूकदर्शक ही बने रह गए.
यह मोहन बागान का 17वां डूरंड कप खिताब है. टीम ने पिछला डूरंड कप खिताब 2000 में महिंद्रा यूनाईटेड को गोल्डन गोल के जरिए हराकर जीता था.

ईस्ट बंगाल के कोच कार्ल्स कुआड्रेट ने बराबरी हासिल करने के इरादे से अंतिम 10 मिनट में तीन बदलाव करते हुए नीशू कुमार, वीपी सुहेर और एडविन वंशपॉल को मैदान में उतारा लेकिन टीम गोल नहीं कर सकी. मोहन बागान के कोच जुआन फेरांडो ने भी अपने डिफेंस को मजबूत करते हुए आठ खिलाड़ियों को ईस्ट बंगाल के खिलाड़ियों को रोकने की जिम्मेदारी दी जिसमें वे सफल रहे. अनवर अली ने विशेष रूप से डिफेंस में शानदार प्रदर्शन किया.

ईस्ट बंगाल के सहायक कोच दिमास डेलगाडो को फेरांडे के साथ बहस करते हुए भी देखा गया जिसके लिए दूसरे हाफ के अतिरिक्त समय में उन्हें लाल कार्ड दिखाया गया. ईस्ट बंगाल के एडविन वंशपॉल को 86वें मिनट में गोल करने का मौका मिला लेकिन सतर्क अनवर अली ने उनके प्रयास को नाकाम करते हुए विरोधी टीम को बराबरी हासिल करने से रोक दिया.

मोहन बागान ने इस तरह 2004 डूरंड कप के फाइनल में ईस्ट बंगाल के हाथों मिली 1-2 की हार का बदला भी चुकता कर दिया.
ईस्ट बंगाल का राष्ट्रीय स्तर का खिताब जीतने का इंतजार 11 साल से अधिक समय तक खिंच गया है. टीम ने सीनियर स्तर पर पिछला राष्ट्रीय स्तर का खिताब 2012 में फेडरेशन कप के रूप में जीता था.

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