आदिवासी दंपति को एंबुलेंस नहीं मिलने पर एनएचआरसी का छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग को नोटिस

नयी दिल्ली. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य विभाग और सुकमा के जिलाधिकारी को उस खबर के बाद नोटिस जारी किया है जिसमें कहा गया है कि आदिवासी दंपति एंबुलेंस न मिलने के कारण कांकेरलंका स्वास्थ्य प्रतिष्ठान में आधी रात तक फंसा रहा. प्रसव के बाद इस दंपति के बच्चे की मौत हो गई थी.

शुक्रवार को जारी एक बयान के अनुसार, नोटिस जारी करते हुए आयोग ने कहा है कि मीडिया में आई खबर यदि सही है तो घटना मानवाधिकारों का उल्लंघन है और तदनुसार, अधिकारी चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करें. आयोग ने छत्तीसगढ़ के प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग तथा सुकमा के जिलाधिकारी को मीडिया में आई खबर का स्वत: संज्ञान लेने के बाद नोटिस जारी किया है. खबर में कहा गया था कि घर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस न मिलने की वजह से आदिवासी दंपति कांकेरलंका में एक उप-स्वास्थ्य केंद्र में आधी रात तक फंसा रहा.

एनएचआरसी के बयान में कहा गया कि 22 जून को प्रकाशित खबर के अनुसार, कांकेरलंका स्वास्थ्य केंद्र में बच्चा पैदा होने के बाद महिला को 20 जून को सुकमा जिला अस्पताल में रेफर कर दिया गया था लेकिन जब दंपति को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया जा रहा था तो उनके बच्चे की रास्ते में ही मौत हो गई.

इसमें कहा गया है इसके बाद एंबुलेंस चालक ने दंपति को वापस कांकेरलंका उप-स्वास्थ्य केंद्र में छोड़ दिया तथा दंपति को बताया गया कि एक अन्य एंबुलेंस उन्हें उनके गांव वापस ले जाएगी लेकिन इसके बावजूद उन्हें कोई वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया. अंतत: आधी रात के बाद एक स्थानीय पत्रकार उन्हें उनके गांव ले गया. एनएचआरसी ने कहा कि कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कथित तौर पर मामले का संज्ञान लिया है और जिलाधिकारी ने जांच का वादा किया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button