सिलिकन वैली बैंक के लिए सरकार से कोई मदद नहीं: अमेरिकी वित्त मंत्री

विलमिंगटन/नयी दिल्ली. अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने रविवार को कहा कि सरकार सिलिकन वैली बैंक (एसवीबी) को कोई राहत नहीं देगी. उन्होंने हालांकि कहा कि सरकार अपने धन को लेकर चिंतित जमाकर्ताओं की मदद करने के लिए प्रयासरत है.
फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन 250,000 डालर तक की जमा राशि का बीमा करता है, लेकिन कई कंपनियों और धनी लोगों के बैंक खातों में इससे ज्यादा राशि है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि देशभर में कुछ र्किमयों को उनका वेतन नहीं मिलेगा.
एसवीबी प्रौद्योगिकी स्टार्टअप और उद्यम पूंजियों से अपने संबंधों को लेकर जाना जाता है.

येलेन ने सीबीएस के कार्यक्रम ‘फेस द नेशन’ के साथ एक साक्षात्कार में सरकार के अगले कदमों की कुछ जानकारी दीं. उन्होंने जोर देकर कहा कि स्थिति लगभग 15 साल पहले के वित्तीय संकट से बहुत अलग है, जब उद्योग को बचाने के लिए बैंक को राहत दी गई थी.

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी बैकिंग प्रणाली वास्तव में बहुत सुरक्षित और अच्छी तरह पूंजीकृत है. यह लचीली है.’’ सिलिकन वैली बैंक अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक है. अमेरिकी इतिहास में साल 2008 में वाशिंगटन म्यूचुअल के बाद यह सबसे बड़ी बैंक असफलता है. बैंक ज्यादातर प्रौद्योगिकी कंपनियों और स्टार्टअप को अपनी सेवाएं देता है.

इसबीच अमेरिकी सरकार के पास दायर एक याचिका में वाई कॉम्बिनेटर ने रविवार को कहा कि सिलिकन वैली बैंक में जमा खाता रखने वाले लगभग 10,000 छोटे उद्यम अगले 30 दिन तक अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पाएंगे. स्टार्टअप को बढ़ावा देने वाली कंपनी ने कहा कि इस बैंक संकट से लगभग एक लाख नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं. दूसरी ओर भारत में एक विविध गेमिंग और खेल मीडिया मंच नजारा टेक्नोलॉजीज ने रविवार को कहा कि उसकी सहायक कंपनी की एक सहयोगी इकाई का लगभग 64 करोड़ रुपया सिलिकॉन वैली बैंक में जमा है.

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