भाजपा में कोई अंदरूनी कलह नहीं, तीसरी बार सरकार बनाने का भरोसा: मुख्यमंत्री सैनी

नारनौल: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब ंिसह सैनी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में कोई अंदरूनी कलह नहीं है और उनकी पार्टी राज्य में तीसरी बार सरकार बनाएगी क्योंकि मतदाता कांग्रेस की ‘‘झूठ की दुकान’’ को स्थापित नहीं होने देंगे।

सैनी ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी की ‘हरियाणा संकल्प यात्रा’ के दूसरे चरण से पहले कांग्रेस नेता पर निशाना साधते हुए उनकी यात्रा को ‘‘राजनीतिक पर्यटक’’ करार दिया। सैनी ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘हरियाणा में अब तक कांग्रेस का कोई भी वरिष्ठ नेता प्रचार नहीं कर रहा था और अब गांधी राजनीतिक पर्यटन पर निकल पड़े हैं। पिछले 10 साल में हमने राज्य में जो विकास किया है, उसे देखने के लिए उनका स्वागत है। हालांकि, उन्हें भूपेंद्र हुड्डा के कार्यकाल के ‘खर्ची’ और ‘पर्ची’ सिस्टम को लेकर मतदाताओं के सवालों का सामना करना पड़ेगा।’’

भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं राव इंद्रजीत ंिसह और अनिल विज के शीर्ष पद के लिए दावा पेश करने के बीच पार्टी में अंदरूनी कलह की खबरों को लेकर सैनी ने कहा कि पार्टी एकजुट है। सैनी को भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के पार्टी उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारा है।

उन्होंने यहां कहा, ‘‘कोई अंदरूनी कलह नहीं है, कोई गुटबाजी नहीं है, हम सब एकजुट हैं। वे (ंिसह और विज) हमारे वरिष्ठ नेता हैं और हमारे चुनाव अभियान में सबसे आगे रहे हैं। भाजपा एक लोकतांत्रिक पार्टी है, कोई भी अपनी दावेदारी पेश कर सकता है।

संसदीय बोर्ड फैसला करेगा और जो भी फैसला होगा वह हम सभी को स्वीकार्य होगा… कोई लड़ाई नहीं है, कोई लड़ाई नहीं होगी।’’ सैनी ने कहा, ‘‘मतदाताओं में कोई असमंजस की स्थिति नहीं है। वे भाजपा की ‘डबल इंजन’ सरकार के लिए मतदान करेंगे और हम राज्य में तीसरी बार जीत हासिल करेंगे। मुझे इसका पूरा भरोसा है।’’

मार्च में मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभालने वाले सैनी इस बार लाडवा विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा में कोई विभाजन नहीं हैं लेकिन कांग्रेस निश्चित ही विभाजित है। वे अपने ही वरिष्ठ नेताओं तक का सम्मान नहीं करते, तो वे जनता से किए गए अपने वादों का क्या सम्मान करेंगे। हरियाणा के मतदाता अब इतने समझदार हैं कि वे राज्य में कांग्रेस की ‘‘झूठ की दुकान’’ फिर से स्थापित नहीं होने देंगे।’’ सैनी ने सत्ता विरोधी लहर की खबरों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है। जब कोई पार्टी दो कार्यकाल के लिए सत्ता में रहती है तो विपक्ष यह मान लेता है कि तीसरी बार सरकार गठित करना मुश्किल होगा। लेकिन ऐसा नहीं है।’’

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों की तुलना में भाजपा के इस बार राज्य में पांच सीट गंवाने के बारे में पूछे जाने पर सैनी ने कहा, ‘‘पांच में से तीन सीट पर हम बहुत कम अंतर से हारे। विपक्ष ने भाजपा सरकार द्वारा संविधान में बदलाव किए जाने के बारे में झूठी कहानी गढ़ी, जिससे हरियाणा में हमें नुकसान हुआ। हालांकि, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हम मतदाताओं तक सही संदेश पहुंचाएं ताकि कांग्रेस द्वारा फैलाई जा रही किसी भी गलत सूचना से निपटा जा सके। जैसा कि मैंने कहा, झूठ की उनकी दुकान को कोई नहीं खुलने देगा।’’

भाजपा ने दो लाख सरकारी नौकरियां, 10 औद्योगिक शहर, अग्निवीरों के लिए सरकारी नौकरियों की गारंटी और सरकारी मेडिकल एवं इंजीनियंिरग कॉलेज में अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए पूर्ण छात्रवृत्ति के चुनावी वादे किए हैं।

सैनी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने ‘‘2004 से 2014 तक ‘खर्ची-पर्ची’ की प्रणाली के तहत काम किया लेकिन भाजपा सरकार ने इस ‘खर्ची-पर्ची’ व्यवस्था को खत्म कर दिया और पारर्दिशता के साथ 1.5 लाख सरकारी नौकरियां दीं।

भाजपा कांग्रेस के पूर्व शासनकाल में कथित तौर पर मौजूद ‘खर्ची-पर्ची’ व्यवस्था (भ्रष्टाचार-पक्षपात) को लेकर उस पर हमला करती रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार किसानों को 24 फसलों पर एमएसपी दे रही है।

सैनी ने कहा, ‘‘कांग्रेस की कई राज्यों में सरकारें हैं, लेकिन एक भी राज्य 24 फसलों पर एमएसपी नहीं देता जैसा कि हम दे रहे हैं।’’ टिकट न मिलने के बाद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे भाजपा के बागी नेताओं के बारे में पूछे जाने पर सैनी ने कहा, ‘‘हमने उन सभी को मनाने की कोशिश की, कुछ मान गए, जबकि कुछ अब भी चुनावी मैदान में हैं।

यह एक व्यक्तिगत फैसला है। मुझे नहीं लगता कि इससे हमारी सीट पर कोई असर पड़ने वाला है।’’ सैनी मौजूदा विधायक और पूर्व मंत्री ओम प्रकाश यादव के समर्थन में यहां आए थे। हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए पांच अक्टूबर को मतदान होना है और मतों की गिनती आठ अक्टूबर को होगी। भाजपा तीसरी बार चुनाव जीतने का लक्ष्य लेकर मैदान में उतरी है, वहीं कांग्रेस का लक्ष्य 10 साल के अंतराल के बाद हरियाणा में सत्ता में वापसी करना है।

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