देश में राहुल गांधी की कोई सुनता नहीं है, इसलिए वह अपनी निराशा-हताशा विदेश में निकाल रहे हैं : चौहान

भोपाल. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को दावा किया कि राहुल गांधी देश के सबसे असफल, कुंठित, हताश और निराश नेता हैं और अब देश में कोई उनकी सुनता नहीं है, इसलिए वह अपनी निराशा-हताशा विदेश में निकाल रहे हैं.
लंदन में एक सम्मेलन में की गई टिप्पणी को लेकर चौहान ने कांग्रेस नेता पर तीखा हमला किया. इस सम्मेलन में राहुल ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उसने “पूरे देश में मिट्टी का तेल छिड़क दिया है और आपको एक ंिचगारी की जरूरत है तथा हम बड़ी परेशानी में होंगे.”

चौहान ने ट्वीट किया, ‘‘राहुल गांधी देश के सबसे असफल, कुंठित, हताश और निराश नेता हैं. विदेशी धरती पर जाकर कोई देशभक्त नेता राहुल गांधी की तरह देश विरोधी बयान नहीं देता. अब देश में कोई उनकी सुनता नहीं है इसलिए अपनी निराशा हताशा विदेश में निकाल रहे हैं.’’

उन्होंने आगे लिखा, ‘‘यह बयान देकर राहुल गांधी ने अपनी देश भक्ति और राष्ट्र निष्ठा पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है. हमने कभी भी विदेश में जाकर देश की आलोचना नहीं की, लेकिन एक कुंठित, हताश और निराश व्यक्ति से और क्या अपेक्षा की जा सकती है?’ चौहान ने कहा कि आश्चर्य है कि इसी नेता को कांग्रेस के कुछ नेता कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की मुहिम चलाए हुए हैं, फिर तो कांग्रेस का भगवान ही मालिक है.

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘जब डॉ. मनमोहन सिंह जी देश के प्रधानमंत्री थे और मैं अमेरिका की यात्रा पर था, तो वहां के पत्रकारों ने मुझसे सवाल पूछा था कि क्या मनमोहन सिंह जी ‘अंडरअचीवर’ (आशा से कम सफलता पाने वाले) हैं, इस पर मैंने जवाब दिया था कि वह कांग्रेस के नहीं, भारत के प्रधानमंत्री हैं और भारत का प्रधानमंत्री कभी ‘अंडरअचीवर’ नहीं हो सकता.’’

ब्रिटेन के दौरे पर पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार को ंिथक टैंक ब्रिज इंडिया द्वारा आयोजित ‘आइडियाज फॉर इंडिया’ सम्मेलन के एक संवाद सत्र में शामिल हुए थे. राहुल ने इस सम्मेलन में यह भी कहा था कि भारत में लोकतंत्र सबकी भलाई के लिए है तथा भारतीय ही एकमात्र ऐसे लोग हैं जिन्होंने लोकतंत्र को इस बेमिसाल तरीकÞे से चलाया है. उन्होंने कहा कि यदि भारतीय लोकतंत्र में दरार आती है तो इससे दुनिया के लिए समस्या होगी. सम्मेलन में रूस-यूक्रेन युद्ध के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने इसकी तुलना लद्दाख में चीन की गतिविधियों से की थी. उन्होंने भारत की तुलना कथित रूप से पाकिस्तान से भी की थी.

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