सीयूईटी-स्नातक, नेट के लिए अंकों का सामान्यीकरण खत्म किया जाएगा : यूजीसी प्रमुख

नयी दिल्ली. संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा-स्नातक (सीयूईटी-यूजी) और राष्ट्रीय अर्हता परीक्षा (नेट) में इस साल से अंकों का सामान्यीकरण समाप्त कर दिया जाएगा. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने सोमवार को यह जानकारी दी.

कुमार ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”इस साल अंकों के सामान्यीकरण की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि किसी विषय की दोनों परीक्षा एक ही पाली में आयोजित की जाएगी.” सामान्यीकरण एक छात्र के अंक को इस तरह से संशोधित करने की एक प्रक्रिया है कि वह दूसरे के अंक के साथ तुलनीय हो जाए. यह तब आवश्यक हो जाता है जब एक ही विषय की परीक्षा कई सत्रों में आयोजित की जाती है, प्रत्येक सत्र में अलग-अलग प्रश्नपत्र होते हैं.

छात्र परीक्षा में उनके प्रदर्शन पर ‘अनुचित रूप से’ प्रभाव डालने वाले अंकों के सामान्यीकरण के बारे में चिंता जता रहे थे.
कुमार ने कहा, ”पहले, हमें यथासंभव छात्रों को पहली पसंद का केंद्र प्रदान करने के प्रयास में एक ही विषय के लिए दो या तीन दिनों में परीक्षा आयोजित करनी पड़ती थी. लेकिन इस वर्ष, ओएमआर प्रणाली अपनाने से बड़ी संख्या में केंद्र के रूप में विद्यालय और महाविद्यालय उपलब्ध होंगे, जिससे हम एक ही दिन में देश भर में परीक्षा आयोजित करने में सक्षम होंगे.”

यूजीसी अध्यक्ष ने कहा, ”यदि एक ही विषय के लिए परीक्षा कई दिनों में आयोजित की जाती है, तो सामान्यीकरण की आवश्यकता होती है और यह एक वैज्ञानिक विधि है.” सीयूईटी-यूजी के लिए इस बार 15 से 24 मई तक परीक्षाएं आयोजित किया जाएगा. कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण परीक्षा आयोजित करने के पूर्व की व्यवस्था में बदलाव किया गया है जिसमें 15 विषयों के लिए सीयूईटी-यूजी पांरपरिक रूप से कागज और कलम आधारित परीक्षा होगी जबकि 48 विषयों के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जाएगी. इसी तरह यूजीसी-नेट की परीक्षा पहले सीबीटी प्रणाली के तहत होती थी लेकिन इस बार 16 जून को कलम और कागज आधारित परीक्षा होगी.

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