चंपई सोरेन को सरकार बनाने का न्योता नहीं देना जनमत को नकारना: कांग्रेस

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता चंपई सोरेन को सरकार के गठन के लिए अब तक आमंत्रित नहीं किए जाने को लेकर बृहस्पतिवार को राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन की भूमिका पर सवाल खड़े किए और आरोप लगाया कि यह संविधन की अवमानना, जनमत को नकारना और लोकतंत्र की हत्या है. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यह दावा भी किया कि महमाहिमों द्वारा भारतीय लोकतंत्र के ताबूत में एक-एक करके कील ठोकी जा रही है.

उल्लेखनीय है कि झामुमो के नेता हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद धनशोधन के एक मामले में बुधवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया गया.
चंपई सोरेन ने बुधवार को कहा था कि उन्होंने 47 विधायकों के समर्थन से झारखंड में नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया.

खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ” 81 विधायकों के सदन में 41 ही बहुमत होता है. 48 विधायकों का समर्थन होने के बावजूद चंपई सोरेन जी को सरकार बनाने का न्योता ना देना साफ. तौर पर संविधान की अवमानना एवं जनमत को नकारना है. महमाहिमों द्वारा भारतीय लोकतंत्र के ताबूत में एक-एक करके कीलें ठोकी जा रही है.” कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि झारखंड में ‘खरीद-फरोख्त’ का प्रयास हो रहा है.

उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”यह राजनीतिक अन्याय का एक और उदाहरण है, जिसके लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की जोड़ी को विशेषज्ञ माना जाता है. अंग्रेज.ी में जिसे ‘हॉर्स-ट्रेडिंग’ (खरीद-फरोख्त) कहा जाता है, ऐसा करके उन्हें उसके लिए ही वक्त दिया जा रहा है. यह केवल अन्याय ही नहीं लोकतंत्र की हत्या है.” पार्टी प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा कि पिछले दिनों बिहार में ‘पलटू कुमार’ (नीतीश कुमार) के इस्तीफा देने के कुछ देर बाद ही उन्हें शपथ दिलाई गई, लेकिन झारखंड में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन के पास 47-48 विधायकों का समर्थन होने के बावजूद चंपई सोरेन को शपथ के लिए आमंत्रित नहीं किया गया.

उन्होंने यह भी कहा कि देश जानना चाहता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह क्या सोच रहे हैं. सिंघवी ने सवाल किया, ”आप (राज्यपाल) इंतजार क्यों कर रहे हैं? क्या आप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के कार्यालयों से दिशानिर्देश का इंतजार कर रहे हैं? क्या आप दलबदल करवाएंगे? क्या आप 47-48 के आंकड़े को बदलेंगे?”

उन्होंने दावा किया कि भाजपा के विश्वविद्यालय से विपक्षी सरकारों को गिराने और अपनी सरकार किसी भी तरीके से बनाने की पीएचडी की डिग्री दी जाती है. कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ”क्या राष्ट्रपति शासन लगाने का इंतजार कर रहे हैं हैं? देश जानना चाहता है कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री क्या सोच रहे हैं?” उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले ”विपक्ष मुक्त भारत” का प्रयास हो रहा है, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिलेगी.

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