अधिकारी सौम्या चौरसिया चार और दिन ईडी की हिरासत में

रायपुर. छत्तीसगढ़ की विशेष अदालत ने कथित कोयला घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय में पदस्थ उप सचिव सौम्या चौरसिया की प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत अवधि चार दिनों के लिए बढ़ा दी है. अधिवक्ताओं ने मंगलवार को यह जानकारी दी. अधिवक्ताओं ने बताया कि अदालत ने पहले से गिरफ्तार आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी और दो अन्य की न्यायिक हिरासत भी चार दिन के लिए बढ़ा दी है.

चौरसिया के अधिवक्ता फैजल रिजवी ने बताया कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय ंिसह राजपूत ने चौरसिया की चार दिन की ईडी हिरासत की अवधि बढ़ा दी है. ईडी ने इस महीने की दो तारीख को चौरसिया को गिरफ्तार किया था तथा उसे अदातल में पेश किया गया था, जहां से उसे चार दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया गया था. आज यह अवधि समाप्त होने पर ईडी ने चौरसिया को अदालत में पेश किया था.

रिजवी ने बताया कि ईडी ने चौरसिया की दस दिन की हिरासत की मांग की थी, जिसका उन्होंने (रिजवी ने) यह कहते हुए विरोध किया कि वह पूछताछ में सहयोग कर रही हैं और अपनी गिरफ्तारी से पहले एजेंसी के समन का पालन करते हुए एजेंसी के सामने नौ बार पेश हुईं. उन्होंने बताया कि अदालत ने विश्नोई, सूर्यकांत तिवारी, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी और एक अन्य कोयला व्यवसायी सुनील अग्रवाल की न्यायिक हिरासत भी चार दिनों के लिए बढ़ा दी है.

अधिवक्ता ने बताया कि पांचों को 10 दिसंबर को अदालत में पेश किया जाएगा. मौजूदा कांग्रेस की सरकार में प्रभावशाली अधिकारी माने जाने वाली चौरसिया को ईडी ने पूछताछ के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया था. आयकर विभाग की एक शिकायत का संज्ञान लेने के बाद ईडी ने धन शोधन की जांच शुरू की थी. ईडी ने अपनी जांच के तहत अक्टूबर में राज्य के कई शहरों में छापेमारी की थी.

इसके बाद आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी और एक अन्य कोयला व्यवसायी सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया था. ईडी का कहना है कि वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यवसायी, नेता और बिचौलिए के गठजोड़ द्वारा छत्तीसगढ़ में ढुलाई किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध उगाही की गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चौरसिया की गिरफ्तारी को ‘राजनीति से प्रेरित’ कहा था. वहीं इससे पहले बघेल ने जांच एजेंसी पर अपनी हद पार करने और लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया था.

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