राउत की गिरफ्तारी पर राहुल ने कहा: ‘तानाशाह सुन ले कि सत्य जीतेगा और अहंकार हारेगा’

नयी दिल्ली. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शिवसेना नेता संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि ‘तानाशाह’ को सुन लेना चाहिए कि अंत में सत्य जीतेगा और अहंकार हारेगा.

उन्होंने राउत की गिरफ्तारी से जुड़ी खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘ ‘राजा’ का संदेश साफÞ है – जो मेरे खिलाफÞ बोलेगा, वो तकलीफें झेलेगा. सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करके विरोधियों का हौसला तोड़ने और सच का मुंह बंद करने की पुरजÞोर कोशिश जारी है. लेकिन तानाशाह सुन ले, अंत में ‘सत्य’ जीतेगा, और अहंकार हारेगा.’’ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राउत की गिरफ्तारी पर संसद परिसर में कहा, ‘‘ यह प्रतिशोध की राजनीति है. इसके तहत वे विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी कर रहे हैं. वो नहीं चाहते कि संसद में विपक्ष की मुखर आवाज हो. वे विपक्ष मुक्त संसद चाहते हैं. वो ऐसा कर रहे हैं. वह भी लड़ रहे हैं.’’

लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट किया, ‘‘संजय राउत का एक ही अपराध है कि वह भाजपा की धमकाने वाली राजनीति के समक्ष नहीं झुके. वह संकल्प और साहस वाले व्यक्ति हैं. हम संजय राउत के साथ हैं.’’ गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई की एक चॉल के पुर्निवकास में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन के मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत को गिरफ्तार किया है.

ड्रग्स की बरामदगी पर कांग्रेस का भाजपा पर प्रहार: ‘क्या गुजरात में माफिया की सरकार है’

कांग्रेस ने गुजरात में पिछले कुछ महीनों में की गई मादक पदार्थों की जब्ती को लेकर सोमवार को केंद्र एवं राज्य सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि डबल इंजन सरकार में कौन लोग हैं, जो राज्य में मादक पदार्थ माफिया और शराब माफिया को संरक्षण दे रहे हैं.

पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि गुजरात में कानून व्यवस्था है या फिर ‘माफिया की सरकार’ है? उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर पिछले साल 21 सितंबर को 21,000 करोड़ रुपये के 3000 किलोग्राम मादक पदार्थ बरामद किए गए. गत 22 मई को 500 करोड़ रुपये के 56 किलोग्राम और 22 जुलाई को 375 करोड़ रुपये के 75 किलोग्राम मादक पदार्थ बरामद किए गए.’’ कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘डबल इंजन सरकार में बैठे कौन लोग हैं, जो लगातार मादक पदार्थ माफिया और शराब माफिया को संरक्षण दे रहे हैं? गुजरात के युवाओं को नशे में क्यों धकेला जा रहा है?’’

उन्होंने यह भी पूछा, ‘‘ एक ही बंदरगाह पर तीन-तीन बार मादक पदार्थ बरामद होने के बावजूद, उसी बंदरगाह पर लगातार मादक पदार्थ की खेप कैसे उतर रही है? क्या गुजरात में कानून व्यवस्था ख़त्म हो गई है? माफिया को कानून का कोई डर नहीं? या ये माफिया की सरकार है?’’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट किया, ‘‘गुजरात में एक ही बंदरगाह से तीन बार में लगभग 22000 करोड़ रुपये का मादक पदार्थ बरामद हुआ. मीडिया में चुप्पी, सरकार में सुस्ती, सरकार की सारी एजेंसियां सन्नाटे में. भाजपा सरकार की नाक के नीचे से माफिया पूरे देश में मादक पदार्थ बांट रहे हैं. कानून व्यवस्था असहाय है या माफिया से मिलीभगत है?’’

गौरतलब है कि गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने पिछले महीने कच्छ जिले के मुंद्रा बंदरगाह के पास एक कंटेनर से करीब 75.3 किलोग्राम हेरोइन जब्त की, जिसकी कीमत 376.5 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि भाजपा गुजरात में हफ्ता खाती है, पैसे लेती है. जहरीली शराब पीने से बोटाद जिले के रोजीद गांव में 75 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. कई लोग बचे, लेकिन उनकी आंखें चली गई. कई लोग ऐसे हैं, जिनकी जान तो बची, लेकिन किडनी चली गई.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ये सारा राजनीतिक आरोप है, ऐसा हम नहीं कहेंगे, क्योंकि वहां के सरपंच ने भाजपा के गृह मंत्री को मार्च महीने में एक कागजÞ लिखकर भेजा था.’’ गोहिल ने कहा, ‘‘गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से ये ड्रग्स बार-बार पकड़े गए, जिसकी कीमत हजारों करोड़ रुपये में हो जाती है. वहां न ईडी जाती है, ना सीबीआई जाती है और न मोदी जी की कोई एजेंसी जाती है.’’ उन्होंने कहा कि गुजरात के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

उधर, कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य अमी याग्निक ने कहा, ‘‘गुजरात से एक शर्मनाक घटना सामने आई है. एक महिला ने गुजरात सरकार के एक मंत्री खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करवाई है. महिला के अनुसार, दुष्कर्म का यह सिलसिला पिछले 5 वर्षों से चल रहा है, लेकिन वह कहीं भी अपनी फरियाद नहीं कर सकती है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह एक बहुत ही गंभीर आरोप है. इस मामले में मैं सदन में नियम 267 के तहत चर्चा चाहती थी. लेकिन सरकार गंभीर नहीं है.’’

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