दिल्ली मेट्रो की दीवारों पर खालिस्तान समर्थक नारों के सिलसिले में एक व्यक्ति गिरफ्तार

नयी दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने जी20 शिखर सम्मेलन से पहले, राष्ट्रीय राजधानी के चार मेट्रो स्टेशनों की दीवारों पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखने के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जबकि एक अन्य को हिरासत में ले लिया है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

पुलिस ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि आरोपियों ने प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू के निर्देश पर इस कृत्य को अंजाम दिया. पुलिस ने बताया कि पकड़े गये आरोपी की पहचान प्रीतपाल के तौर पर जबकि हिरासत में लिये गये व्यक्ति की पहचान राजविंदर सिंह के तौर पर की गयी है. उन्होंने कहा कि पंजाब से दिल्ली पहुंचते ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

दिल्ली के शिवाजी पार्क, मादीपुर, पश्चिम विहार, उद्योग नगर और महाराजा सूरजमल स्टेडियम मेट्रो स्टेशनों की दीवारों पर 27 अगस्त को खालिस्तान के समर्थन में नारे लिखे पाए गए थे. इनमें – ‘दिल्ली बनेगा खालिस्तान’ और ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ जैसे नारे लिखे थे. नांगलोई में एक सरकारी स्कूल की दीवार भी विरूपित पाई गई थी. प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की ओर से जारी एक कथित वीडियो में मेट्रो स्टेशनों की विरूपित दीवारें दिखाई गई थीं.

एक वीडियो में पन्नू को यह कहते सुना गया, ”जी20 देशों, जब आप 10 सितंबर को दिल्ली में मिलेंगे, तो हम कनाडा में खालिस्तान जनमत संग्रह का आयोजन कर रहे होंगे.” पुलिस ने बताया कि प्रीतपाल एक साल से अधिक समय से पन्नू के संपर्क में था, और उसके निर्देश पर इस घटना को अंजाम दिया गया.

विशेष आयुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) एच जी एस धालीवाल ने कहा, ”वे 26 अगस्त को दिल्ली पहुंचे और देर रात दीवार पर नारे लिखे और अगले दिन पुन: पंजाब वापस चले गये. उन्होंने पंजाब के बरनाला से पेंट खरीदा था.” इस बीच, दिल्ली के एक मेट्रो स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज के दो क्लिप सोशल मीडिया पर आए हैं, जहां एक व्यक्ति को दीवार पर कुछ लिखते और फिर उसकी तस्वीरें लेते देखा जा सकता है. एक फुटेज में दो लोग पैदल जाते दिख रहे हैं. पुलिस ने कहा कि 19 जनवरी को गणतंत्र दिवस से पहले, विकासपुरी, जनकपुरी, पश्चिम विहार और पीरागढ़ी सहित पश्चिमी दिल्ली के कुछ इलाकों में दीवारों पर ‘राष्ट्र-विरोधी’ और ‘खालिस्तान-संबंधी’ भित्तिचित्र दिखाई दिए थे.

धालीवाल ने कहा कि जनवरी की घटना के बाद आरोपियों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए इस बार अधिक सावधानी बरती थी.
धालीवाल ने कहा, ”प्रीतपाल सिग्नल ऐप के जरिए पन्नू के संपर्क में था. पन्नू ने आरोपी को इस कृत्य के लिए कुल 7,000 अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया था.” पुलिस ने कहा कि उन्हें प्रमुख स्थानों को चुनने और कई इमारतों पर भित्तिचित्रों को बनाने का निर्देश दिया गया ताकि इसे ह्लसनसनीखेजह्व बनाया जा सके. मामले के संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज की गईं लेकिन बाद में इन्हें विशेष प्रकोष्ठ को स्थानांतरित कर दिया गया.

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