विपक्ष को ‘हिंदी, हिंदुत्व, हिंदुस्तान’ वाले एजेंडे की वजह से चिंता है: थरूर

नयी दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने राजस्थान की नागौर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार ज्योति मिर्धा द्वारा ”संवैधानिक बदलाव” वाली टिप्पणी पर स्पष्टीकरण दिए जाने के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि विपक्ष की चिंता ‘हिंदू राष्ट्र’ समर्थकों के ”हिंदी, हिंदुत्व, हिंदुस्तान” वाले एजेंडे को लेकर है. पिछले दिनों ज्योति मिर्धा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया था जिसमें वह यह कहती सुनी जा सकती हैं कि संवैधानिक बदलाव के लिए लोकसभा और राज्यसभा में प्रचंड बहुमत होना चाहिए.

कांग्रेस ने इस वीडियो का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि भाजपा की रणनीति संविधान बदलने की है. थरूर ने भी इसको लेकर मिर्धा की आलोचना की थी. मिर्धा ने थरूर द्वारा आलोचना किये जाने पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा था, ”जहां तक मैं समझती हूं, भाजपा का उद्देश्य राष्ट्रीय और सार्वजनिक हित को पूरा करना है… और अगर उन उद्देश्यों के लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता है तो ऐसा किया जाएगा.”

थरूर ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”प्रिय ज्योति मिर्धा, हम लोकसभा में सहयोगी हुआ करते थे, इसलिए मुझे आपके स्पष्टीकरण का रचनात्मक जवाब देना चाहिए. आपने जो उदाहरण दिया है वह पुष्टि करता है कि भाजपा को प्रचंड बहुमत की जरूरत नहीं है. राष्ट्रीय हित में, सार्वजनिक हित में संशोधन पारित करें और उन्हें विपक्षी दलों का समर्थन भी मिलेगा (जैसे कांग्रेस ने महिला आरक्षण विधेयक का खुशी-खुशी समर्थन किया था, जिसे हमने पहली बार 2013 में प्रस्तावित किया था).”

तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य ने कहा, ”यह केवल आंबेडकर जी के संविधान की भावना को धोखा देने वाले विभाजनकारी संशोधनों को आगे बढ.ाने के लिए है, जिसके लिए किसी भी पार्टी को अन्य पार्टियों से आगे निकलने के वास्ते संख्या की आवश्यकता होती है. आप जिन 106 संशोधनों का उल्लेख कर रही हैं, उन्हें लगभग सभी पार्टियों से समर्थन मिला था.” थरूर ने कहा, ”हमारी चिंता यह है कि संविधान में संशोधन की आवश्यकता की ऐसी बातें हिंदू राष्ट्र के समर्थकों के ”हिंदी, हिंदुत्व, हिंदुस्तान” एजेंडे से पैदा होती है. इन्हें विपक्ष का समर्थन नहीं मिलेगा.” उन्होंने कहा, ”आपके परिवार के कांग्रेसजन की कई पीढि.यों द्वारा भारत को विभाजनकारी और सांप्रदायिक एजेंडे से मुक्त रखने के लिए लड़ाई लड़ी गई. मुझे उम्मीद है कि आप उस मुद्दे के खतरों पर विचार करेंगी, जिसका आप अब समर्थन कर रही हैं.”

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