विपक्ष की एकता के लिए दिखावा करने के बजाय साझा एजेंडे की जरूरत है: सिब्बल

नयी दिल्ली. कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में बड़ी संख्या में विपक्ष के नेताओं के मौजूद होने के बीच राज्यसभा के सदस्य कपिल सिब्बल ने रविवार को कहा कि विपक्षी एकता के लिए इस प्रकार का दिखावा करने के बजाय समान सोच एवं साझा एजेंडे पर काम करने तथा दलगत हितों को त्यागने की आवश्यकता है.

बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यूनाइटेड) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता एम. के. स्टालिन और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता फारूक अब्दुल्ला समेत विपक्षी दलों के कई नेता शनिवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर सिद्धरमैया के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए.
विपक्षी दलों की एक प्रमुख आवाज माने जाने वाले सिब्बल ने ट्वीट किया, ”सिद्धरमैया का शपथ ग्रहण समारोह: बड़ी संख्या में नेताओं की मौजूदगी क्या विपक्ष की एकता का संकेत है? मेरा विचार है: विपक्ष की एकता को इस प्रकार के दिखावे से अधिक की जरूरत है.

इसके लिए सोच मिलने, साझा एजेंडा होने, दलगत हितों का त्याग करने की आवश्यकता है.” सिब्बल संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के पहले तथा दूसरे कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने पिछले वर्ष मई में कांग्रेस छोड़ दी थी और उन्हें समाजवादी पार्टी के सहयोग से निर्दलीय सदस्य के तौर पर राज्यसभा के लिए चुना गया था. उन्होंने अन्याय के खिलाफ लड़ने के मकसद के साथ हाल में एक गैर-चुनावी मंच ‘इंसाफ’ का गठन किया है.

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