पाकिस्तान की अदालत ने इमरान खान को तत्काल राहत देने से किया इनकार

इस्लामाबाद. इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सजा पर तत्काल रोक लगाने से बुधवार को इनकार कर दिया. हालांकि अदालत ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी याचिका पर चार से पांच दिन में फैसला लिया जायेगा.

इस्लामाबाद की निचली अदालत ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में शनिवार को खान को तीन साल के कारावास की सजा सुनाई थी. इसके बाद पंजाब पुलिस ने लाहौर में खान के आवास से उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. तोशाखाना मामले में उन पर सत्ता में रहते हुए कीमती उपहार बेचकर मुनाफा कमाने का आरोप है.

फिलहाल अटक जेल में बंद खान ने मंगलवार को अपने वकीलों के माध्यम से इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करके मामले में अपनी दोषसिद्धि और तीन साल की जेल की सजा पर रोक लगाने की अपील की. मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक की अध्यक्षता में हुई सुनवाई के दौरान खान के वकील ख्वाजा हारिस ने दलील दी कि निचली अदालत ने उन्हें मामले की पैरवी करने की अनुमति दिए बिना अपना फैसला सुना दिया. उन्होंने अदालत से सजा को निलंबित करने और दोषसिद्धि के खिलाफ अपील पर कल से सुनवाई करने का आग्रह किया.

फैसले को रद्द करने का अनुरोध करने संबंधी याचिका में उन्होंने कहा, ह्लतोशाखाना मामले में निचली अदालत का फैसला कानून के खिलाफ है.ह्व मुख्य न्यायाधीश फारूक ने दलीलें सुनने के बाद सजा पर तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि याचिका अगले चार से पांच दिन के भीतर नियमित सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की जाएगी. उन्होंने संबंधित पक्षों को नोटिस भी जारी किया.

खान को रावलपिंडी की अदियाला जेल में स्थानांतरित करने के बारे में एक अलग याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने उन प्राधिकारियों से जवाब मांगा जिन्होंने सत्र अदालत के निर्देशानुसार खान को अदियाला के बजाय अटक जेल में रखने का आदेश दिया था. न्यायाधीश फारूक ने अटक जिला जेल से रावलपिंडी की अदियाला जेल में स्थानांतरण के अनुरोध संबंधी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान की याचिका पर संघीय और पंजाब सरकार को 11 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

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