पाकिस्तान: अदालत ने गिरफ्तारी वारंट निलंबित करने संबंधी इमरान खान की याचिका खारिज की

इस्लामाबाद. पाकिस्तान में इस्लामाबाद की एक जिला अदालत ने तोशाखाना मामले में पेश न होने पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ पिछले सप्ताह जारी गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट वापस लेने से सोमवार को इनकार कर दिया. इमरान खान (70) पर तोशाखाना में रखे गये तोहफों (जिसमें उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री होने के नाते मिली एक महंगी घड़ी भी शामिल है) को कम दाम पर खरीदने और फिर उसे बेचकर लाभ अर्जित करने का आरोप है.

पाकिस्तान में तोशाखाना एक सरकारी विभाग है, जहां अन्य देशों की सरकारों के प्रमुखों, विदेशी हस्तियों द्वारा राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी प्रमुख खान ने उस वारंट को चुनौती देते हुए इस्लामाबाद जिला और सत्र अदालत में एक अर्जी दायर की जो मामले की सुनवायी में उनके द्वारा पेश नहीं होने के लिए 28 फरवरी को जारी किया गया था.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने इससे पहले दिन में फैसला सुरक्षित रख लिया था और बाद में मामले की संक्षिप्त सुनवाई के बाद इसकी घोषणा की. न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, ‘‘आरोपी 28 फरवरी को विभिन्न माननीय अदालतों में पेश होने के बाद इस अदालत में पेश होने की स्थिति में था, लेकिन वह जानबूझकर इस अदालत में पेश नहीं हुआ.’’ उन्होंने कहा कि संबंधित अदालत जिसने इसे जारी किया है या इसे कानून के अनुसार निष्पादित किये जाने तक यह बरकरार रहेगा.

न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी ने अभी तक अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण नहीं किया है और उसकी (आज के लिए) व्यक्तिगत पेशी के लिए कोई अर्जी रिकॉर्ड के साथ संलग्न नहीं की गई है. आदेश के अनुसार, ‘‘आरोपी भविष्य में मुकदमे में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए अदालत में पेश नहीं हुआ है, इसलिए आवेदन खारिज कर किया जाता है.’’ आज की सुनवायी के दौरान खान के वकील अली बुखारी, कैसर इमाम और गौहर अली खान इस्लामाबाद जिला एवं सत्र अदालत में पेश हुए. बुखारी ने दलील दी कि उनके मुवक्किल ने हमेशा अदालत के आदेशों का पालन किया है.

इमाम ने दलील दी कि यदि खान अदालत में पेश होने के लिए तैयार हैं तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती. इस पर न्यायाधीश ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख खान को वारंट निलंबित कराने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का रुख करना चाहिए था. इस पर इमाम ने न्यायाधीश से कहा कि वे चाहते हैं कि सत्र अदालत वारंट निलंबित करे.

वहीं बुखारी ने कहा कि पीटीआई प्रमुख लाहौर में जमान पार्क स्थित आवास पर हैं और ‘‘अदालत में पेश होने का तरीका जानना चाहते हैं.’’ अदालत से वारंट निलंबित करने का अनुरोध करते हुए इमाम ने कहा कि पीटीआई प्रमुख खान के खिलाफ निर्वाचन कानून 2017 के तहत एक निजी शिकायत दर्ज की गयी थी और आमतौर पर निजी शिकायत पर गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं किया जाता है. न्यायाधीश ने इससे पहले दिन में कहा था कि पीटीआई प्रमुख के वकील ने उन्हें बताया कि उनके मुवक्किल अदालत में पेश नहीं होंगे और अदालत ने याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने 28 फरवरी को तोशाखाना मामले में अदालत के समक्ष पेश होने में लगातार विफल रहने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. पीटीआई प्रमुख ने रविवार को गिरफ्तारी के बाद जमानत (पोस्ट अरेस्ट बेल) के लिए लाहौर उच्च न्यायालय का रुख किया था जब इस्लामाबाद पुलिस का एक दल तोशाखाना मामले में सुनवाई में शामिल न होने के लिए उन्हें गिरफ्तार करने उनके जमान पार्क आवास पर पहुंचा था. हालांकि खान के गिरफ्तारी से बचने के बाद पुलिस दल खाली हाथ लौट गया था.

क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान पिछले साल वजीराबाद में जानलेवा हमले में गोली लगने के बाद चोट से उबर रहे हैं. इससे पहले वह इस मामले में तीन बार सुनवाई में शामिल नहीं हुए थे. इस्लामाबाद में एक विशेष अदालत ने गोली लगने के बाद खान को अंतरिम जमानत दी थी. तब से चिकित्सा कारणों से उनकी जमानत की अवधि बढ़ायी जा चुकी है.

इमरान खान का भाषण प्रसारित करने पर पाकिस्तान के निजी चैनल पर गिरी गाज

पाकिस्तान के मीडिया नियामक द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषण के प्रसारण पर पाबंदी लगाने के कुछ घंटे बाद एआरवाई टीवी का प्रसारण एक दिन पहले उनका भाषण प्रसारित करने को लेकर सोमवार को बंद कर दिया गया. पाकिस्तान इलेक्ट्रोनिक मीडिया नियामकीय प्राधिकरण (पीईएमआरए) ने रविवार रात को विभिन्न सेटेलाइट टेलीविजन चैनल पर 70 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री खान के सीधा या रिकार्डेड भाषण के प्रसारण पर रोक लगा दी थी. उससे पहले इस्लामाबाद पुलिस खान को गिरफ्तार नहीं कर पायी थी.

एआरवाई का प्रसारण फिलहाल नहीं हो रहा है. फिलहाल नियामक द्वारा पाबंदी का संदेश ही दिखता है. ऐसा माना जाता है कि एआरवाई खान के प्रति सहानुभूति रहता है . इस चैनल के विरूद्ध अतीत में भी कार्रवाई की गयी है. पीईएमआरए के आदेश में कहा गया है, ‘‘ यह देखा गया है कि तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष अपने भाषणों/बयानों से लगातार बेबुनियाद आरोप लगा रहे है तथा सरकारी संगठनों एवं अधिकारियों के खिलाफ भड़काऊ बयान देकर नफरती भाषण दे रहे हैं जिससे कानून व्यवस्था को लेकर समस्या उत्पन्न हो सकती है और शांति में खलल पड़ सकती है.’’

उसमें कहा गया है, ‘‘इसलिए सक्षम प्राधिकार यानी पीईएमआरए के अध्यक्ष सभी सेटेलाइट चैनल पर तत्काल प्रभाव से श्री इमरान खान के भाषण/ प्रेस वार्ता (रिकार्डेड या सीधा’) के प्रसारण/पुन: प्रसारण पर रोक लगाते हैं.’’ पीईएमआरए ने टीवी चैनलों को चेतावनी दी है कि इस आदेश का पालन नहीं करने पर उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.

रविवार को इस्लामाबाद पुलिस इस संदेह के आधार पर गिरफ्तारी वारंट लेकर खान के गिरफ्तार करने के लिए लाहौर गयी थी कि वह अदालत में पेश होने से बच रहे हैं. लेकिन पुलिस को कहा गया है कि खान अपने घर पर नहीं है. हालांकि कुछ देर बाद वह घर के बाहर आये और तीखा भाषण दिया, फलस्वरूप यह कार्रवाई की गयी है.

अदालत ने गिरफ्तारी वारंट निलंबित करने की इमरान खान की याचिका खारिज की

पाकिस्तान में इस्लामाबाद की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की वह याचिका सोमवार को खारिज कर जो उन्होंने तोशाखाना मामले में अपने खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट निलंबित करने का अनुरोध किया था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने इससे पहले दिन में फैसला सुरक्षित रख लिया था और बाद में मामले की संक्षिप्त सुनवाई के बाद इसकी घोषणा की.

आज की सुनवायी के दौरान खान के वकील अली बुखारी, कैसर इमाम और गौहर अली खान इस्लामाबाद जिला एवं सत्र अदालत में पेश हुए. बुखारी ने दलील दी कि उनके मुवक्किल ने हमेशा अदालत के आदेशों का पालन किया है. इमाम ने दलील दी कि यदि खान अदालत में पेश होने के लिए तैयार हैं तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती. इस पर न्यायाधीश ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख खान को वारंट निलंबित कराने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का रुख करना चाहिए था. इस पर इमाम ने न्यायाधीश से कहा कि वे चाहते हैं कि सत्र अदालत वारंट निलंबित करे.

वहीं बुखारी ने कहा कि पीटीआई प्रमुख लाहौर में जमान पार्क स्थित आवास पर हैं और ‘‘अदालत में पेश होने का तरीका जानना चाहते हैं.’’ अदालत से वारंट निलंबित करने का अनुरोध करते हुए इमाम ने कहा कि पीटीआई प्रमुख खान के खिलाफ निर्वाचन कानून 2017 के तहत एक निजी शिकायत दर्ज की गयी थी और आमतौर पर निजी शिकायत पर गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं किया जाता है.
न्यायाधीश ने इससे पहले दिन में कहा था कि पीटीआई प्रमुख के वकील ने उन्हें बताया कि उनके मुवक्किल अदालत में पेश नहीं होंगे और अदालत ने याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने 28 फरवरी को तोशाखाना मामले में अदालत के समक्ष पेश होने में लगातार विफल रहने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. पाकिस्तान में तोशाखाना एक सरकारी विभाग है, जहां अन्य देशों की सरकारों के प्रमुखों, विदेशी हस्तियों द्वारा राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है.

इमरान खान पर तोशाखाना में रखे गये तोहफों (जिसमें उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री होने के नाते मिली एक महंगी घड़ी भी शामिल है) को कम दाम पर खरीदने और फिर उसे बेचकर लाभ अर्जित करने का आरोप है. पीटीआई प्रमुख ने रविवार को गिरफ्तारी के बाद जमानत (पोस्ट अरेस्ट बेल) के लिए लाहौर उच्च न्यायालय का रुख किया था जब इस्लामाबाद पुलिस का एक दल तोशाखाना मामले में सुनवाई में शामिल न होने के लिए उन्हें गिरफ्तार करने उनके जमान पार्क आवास पर पहुंचा था. हालांकि खान के गिरफ्तारी से बचने के बाद पुलिस दल खाली हाथ लौट गया था.

क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान पिछले साल वजीराबाद में जानलेवा हमले में गोली लगने के बाद चोट से उबर रहे हैं. इससे पहले वह इस मामले में तीन बार सुनवाई में शामिल नहीं हुए थे. इस्लामाबाद में एक विशेष अदालत ने गोली लगने के बाद खान को अंतरिम जमानत दी थी. तब से चिकित्सा कारणों से उनकी जमानत की अवधि बढ़ायी जा चुकी है.

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