पाकिस्तान: इमरान खान ने भ्रष्टाचार मामले में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी, जेल से रिहाई का किया अनुरोध

इस्लामाबाद. जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में उन्हें दोषी ठहराए जाने के एक निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए मंगलवार को कहा कि एक ”पक्षपातपूर्ण” न्यायाधीश का फैसला ”उचित प्रक्रिया और निष्पक्ष सुनवाई के चेहरे पर तमाचा” और ”न्याय का घोर उपहास” है.

इस्लामाबाद की एक अदालत द्वारा तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में खान (70) को ”भ्रष्टाचार” का दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद शनिवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. अदालत ने खान को तीन साल जेल की सजा सुनाई है. वह इस समय अटक जेल में हैं.
खान ने अपने वकीलों ख्वाजा हारिस और गौहर अली खान के जरिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में याचिका दायर कर अपनी दोषसिद्धि और तीन साल जेल की सजा के खिलाफ याचिका दायर की.

उन्होंने कहा कि निचली अदालत का फैसला मामले के गुण-दोष के बजाय ”पूर्वाग्रही सोच” पर आधारित है, क्योंकि याचिकाकर्ता के वकील को दलीलें पेश करने का अधिकार नहीं दिया गया. खान की याचिका में कहा गया है कि निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा पारित फैसला ”पक्षपातपूर्ण होने के साथ-साथ पूर्वाग्रह से ग्रसित और कानून की नजर में अमान्य और रद्द किये जाने योग्य है.” याचिका में कहा गया है कि निचली अदालत का फैसला ”उचित (कानूनी) प्रक्रिया और निष्पक्ष सुनवाई के मुंह पर तमाचा” और ”न्याय का घोर उपहास” है.

इसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ता के वकील अदालत में देरी से पहुंचने का कारण बताने के बाद दलीलें पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार थे, इसके बावजूद यह आदेश सुनाया गया. याचिका में आरोप लगाया गया है कि सुनवाई के अंत में दिया गया फैसला ”पहले से तैयार कर लिया गया था और लिख लिया था” और इसी लिए संक्षिप्त आदेश के जरिए निर्णय की घोषणा करने के 30 मिनट के भीतर 35 पन्नों का निर्णय जारी किया गया. याचिका में इस्लामाबाद के जिला निर्वाचन आयुक्त को मामले में प्रतिवादी नामित किया गया है.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने विदेशी मीडिया पत्रकारों के व्हाट्सऐप समूह पर घोषणा की है कि अदालत ने यह याचिका स्वीकार कर ली है और इसे बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है. इसके अलावा आईएचसी ने पूर्व प्रधानमंत्री के लिए ‘ए-श्रेणी’ की सुविधाओं का अनुरोध करने वाली पार्टी की याचिका पर सुनवाई के दौरान खान के वकीलों को जेल में उनसे मिलने की अनुमति दे दी.
बाद में, अदालत ने खान की पार्टी से उन दो वकीलों के नाम उपलब्ध कराने को कहा, जो जेल में उनसे मिलेंगे.

तोशाखाना एक भंडार है जहां देश के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान विदेशी अधिकारियों द्वारा सरकारी अधिकारियों को सौंपे गए उपहार रखे जाते हैं.खान पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर सेवाएं देते समय तोशाखाना से अपने पास रखे गए उपहारों का विवरण और उनकी कथित बिक्री से प्राप्त धन का ब्यौरा ”जानबूझकर छुपाया”. खान देशभर में लगभग 140 मुकदमों का सामना कर रहे हैं, जिनमें उनपर आतंकवाद, हिंसा, ईशनिंदा, भ्रष्टाचार और हत्या जैसे आरोप लगाए गए हैं.

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