पवार ने महिला ‘सुरक्षा’, संविदा पर नियुक्ति और अस्पतालों में मौत को लेकर महाराष्ट्र सरकार को घेरा

मुंबई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र में महिला ‘सुरक्षा’ और ‘संविदा पर नियुक्ति’ एवं अस्पतालों में मौत को लेकर शुक्रवार को राज्य सरकार पर निशाना साधा. पवार ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि इस साल एक जनवरी से 31 मई के बीच राज्य से 19,533 महिलाओं के “लापता” होने की रिपोर्ट दर्ज करायी गईं.

एक सप्ताह में यह दूसरी बार है जब पवार ने इसी मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाले गृह विभाग पर निशाना साधा है.
पवार ने आरोप लगाया, ”सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर गंभीर नहीं है.” पवार ने मुंबई पुलिस में र्किमयों की ”संविदा नियुक्ति” को लेकर भी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि राज्य ने सरकारी र्भितयां संविदा पर करने का फैसला लिया है.
पवार ने बताया कि राज्य सरकार ने अब तक पुलिस, स्वास्थ्य और शिक्षा विभागों में 11,203 र्भितयां की हैं.

पवार ने कहा, ”हम सरकार के इस कदम का विरोध करते हैं. अनुबंध पर काम पर रखे गए लोगों को सरकारी सेवा में शामिल किया जाना चाहिए.” उन्होंने हाल में सरकारी अस्पतालों में हुई मौतों पर भी सरकार की आलोचना की और कहा कि स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर भर्ती के बजाय स्थायी भर्ती होनी चाहिए.

नांदेड़ के डॉ. शंकरराव चव्हाण शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में 30 सितंबर से 48 घंटे की अवधि में नवजात बच्चों सहित 31 मरीजों की मौत और छत्रपति संभाजीनगर के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में एक से दो अक्टूबर के बीच 18 मरीजों की मौत बाद राज्य सरकार हाल ही में विपक्ष के निशाने पर आ गई थी.

पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत के दौरान बृहस्पतिवार को पवार ने ह्लसंविदा भर्तीह्व को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह व्यवस्था महिलाओं और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों को आरक्षण के लाभ से वंचित करती है. महाराष्ट्र सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपने स्वयं के सुरक्षा निगम से 3,000 र्किमयों को नियुक्त करने का आदेश जारी किया था, जो मुंबई पुलिस के अंतर्गत काम करेंगे.

सरकारी उपक्रम, महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम (एमएसएससी) से लिए गए ये कर्मी अनुबंध के तहत काम करेंगे और एक विशिष्ट अवधि के लिए चुनिंदा ड्यूटी में मुंबई पुलिस की मदद करेंगे. राकांपा अध्यक्ष ने महाराष्ट्र सरकार की शिक्षा नीतियों की भी आलोचना की.

उन्होंने कहा कि कम विद्यार्थियों वाले स्कूलों को बंद करने और उन्हें अन्य स्कूलों में विलय करने के सरकार के फैसले से छात्रों को स्कूल जाने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ेगा. सरकारी स्कूलों को निजी कंपनियों को गोद देने की सरकार की नीति को लेकर उन्होंने कहा कि इससे निजी संस्थाओं को स्कूलों के मामलों में हस्तक्षेप करने का मौका मिल जाएगा.

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