प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं से भारत के दृष्टिकोण को आगे रखने में मदद मिली : सरकार

नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले पांच साल में किए गए विभिन्न विदेशी दौरों पर करीब 239 करोड़ रुपये खर्च हुए. सरकार द्वारा बृहस्पतिवार को राज्यसभा में पेश आंकड़े से यह जानकारी मिली. विदेश राज्य मंत्री वीÞ मुरलीधरन ने कहा कि ऐसी यात्राओं से उच्चतम स्तर पर विदेशी भागीदारों के बीच क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर भारतीय दृष्टिकोण के प्रति समझ को बढ़ावा मिला है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं का उद्देश्य दूसरे देशों के साथ घनिष्ठ संबंधों का प्रसार करना और क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्तर पर भारत के कार्यकलापों को बढ़ावा देना है. मुरलीधरन ने प्रधानमंत्री की यात्राओं, उनके परिणामों और पिछले पांच वर्षों में उनकी यात्राओं पर हुए खर्च के विवरण से जुड़े एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ऐसी यात्राएं एक महत्वपूर्ण साधन हैं, जिसके द्वारा भारत अपने राष्ट्रीय हितों को पूरा करता है और विदेश नीति के उद्देश्यों को कार्यान्वित करता है.

मंत्री ने नवंबर 2017 में प्रधानमंत्री की फिलीपीन यात्रा से यह विवरण प्रदान किया. उन्होंने 36 यात्राओं में से प्रत्येक में प्रधानमंत्री के साथ जाने वाले प्रतिनिधिमंडलों में शामिल सदस्यों की जानकारी भी दी, वहीं 31 यात्राओं पर हुए व्यय का विवरण दिया गया.
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की बांग्लादेश (26-27 मार्च 2021), अमेरिका (22-26 सितंबर 2021), इटली और ब्रिटेन (29 अक्टूबर से 2 नवंबर 2021) की यात्राओं पर हुआ खर्च गृह मंत्रालय के बजट मद से पूरा किया गया है.

ये तीन यात्राएं उन पांच यात्राओं में शामिल हैं, जिन पर हुए व्यय का विवरण सूची में नहीं था. अन्य दो यात्राएं – अगस्त 2019 में उनकी भूटान यात्रा और इस वर्ष मई की नेपाल यात्रा हैं. विवरण के अनुसार, उनकी 31 यात्राओं पर कुल 2,39,04,08,625 रुपये का खर्च आया है. दिए गए विवरण के अनुसार 21 सितंबर से 28 सितंबर, 2019 के बीच प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा पर अधिकतम 23,27,09,000 रुपये खर्च हुए, जबकि इस साल 26 से 28 सितंबर के बीच उनकी जापान यात्रा पर सबसे कम 23,86,536 रुपये खर्च हुए.

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