बिजली मंत्रालय ने गर्मी के बीच बढ़ती मांग के कारण उत्पादन संयंत्रों को सतर्क रहने को कहा

नयी दिल्ली: बिजली मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उसने सभी उत्पादन संयंत्रों से उच्च स्तर की मुस्तैदी बनाए रखने को कहा है। गौरतलब है कि उत्तरी क्षेत्र में भाषण गर्मी के चलते खासतौर से बिजली की मांग बढ़ रही है और इसमें मानसून आने के बाद ही राहत मिलने का अनुमान है।

मंत्रालय ने बयान में कहा कि देश के उत्तरी क्षेत्र में भीषण गर्मी के कारण 17 मई, 2024 से बिजली की भारी मांग का सामना करना पड़ रहा है। मंत्रालय ने कहा कि इन चुनौतीपूर्ण हालात के बावजूद 17 जून, 2024 को उत्तरी क्षेत्र में 89 गीगावाट की अबतक की सबसे अधिक मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया गया।

बयान के मुताबिक, उत्तरी क्षेत्र की बिजली जरूरत का 25-30 प्रतिशत पड़ोसी क्षेत्रों से लेकर पूरा किया गया।
बयान में कहा गया है, ‘‘सभी उत्पादन संयंत्रों से उच्चस्तर की सतर्कता बनाए रखने और कटौती को कम करने की सलाह दी गई है।’’

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुमान के मुताबिक, 20 जून से उत्तर-पश्चिम भारत में गर्मी की स्थिति में कमी आने की उम्मीद है। मंत्रालय ने अनुमान लगाया है कि इस मौसम में अधिकतम बिजली मांग 260 गीगावाट के स्तर को छू सकती है।

मंत्रालय ने ताप बिजली संयंत्रों, पन बिजली संयंत्रों और गैस आधारित संयंत्रों सहित विभिन्न उत्पादन स्रोतों के महत्तम संचालन के लिए पूरी क्षमता उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। संयंत्रों के पास अधिशेष बिजली को तुरंत बाजार में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है, ताकि जरूरतमंद उसे खरÞीद सकें।

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