संसद भवन के उद्घाटन को राज्याभिषेक समझ रहे हैं प्रधानमंत्री: राहुल

सड़कों पर जनता की आवाज कुचल रहा है ‘अहंकारी राजा’ : राहुल

नयी दिल्ली/कोलकाता. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन किए जाने के बाद रविवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री संसद भवन के उद्घाटन को राज्याभिषेक समझ रहे हैं. उन्होंने ट्वीट किया, ”संसद लोगों की आवाज. है! प्रधानमंत्री संसद भवन के उद्घाटन को राज्याभिषेक समझ रहे हैं.”

सड़कों पर जनता की आवाज कुचल रहा है ‘अहंकारी राजा’ : राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महिला पहलवानों को हिरासत में लिए जाने के बाद रविवार को आरोप लगाया कि ‘राज्याभिषेक’ पूरा होने के पश्चात ‘अहंकारी राजा’ सड़कों पर जनता की आवाज को कुचल रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन किए जाने का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘राज्याभिषेक पूरा हुआ – ‘अहंकारी राजा’ सड़कों पर कुचल रहा जनता की आवाज़!’’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने आरोप लगाया कि सरकार महिला खिलाड़ियों की आवाज को निर्ममता से बूटों तले रौंद रही है.

प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘खिलाड़ियों की छाती पर लगे मेडल हमारे देश की शान होते हैं. उन मेडलों से, खिलाड़ियों की मेहनत से देश का मान बढ़ता है. भाजपा सरकार का अहंकार इतना बढ़ गया है कि सरकार हमारी महिला खिलाड़ियों की आवाजों को निर्ममता के साथ बूटों तले रौंद रही है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ ये एकदम गलत है. पूरा देश सरकार के अहंकार और इस अन्याय को देख रहा है.’’ कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने महिला पहलवानों को हिरासत में लिए जाने की तस्वीर साझा करते हुए कहा, ‘‘राजदंड तंत्र.’’

नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह किसी राजा के राज्याभिषेक जैसा: वाम दल

वाम दलों ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और उनके द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन किए जाने की तुलना किसी राजा के राज्याभिषेक से की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह यहां नए संसद भवन का उद्घाटन किया. लगभग 20 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से संसद भवन का उद्घाटन नहीं कराए जाने के विरोध में समारोह के बहिष्कार का फैसला किया था. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने सिलसिलेवार ट्वीट किए और आरोप लगाया कि उद्घाटन समारोह “नए भारत” की घोषणा के साथ ” हंगामेदार दुष्प्रचार” के बीच आयोजित किया गया.

उन्होंने कहा, “भारत के राष्ट्रपति, भारत के उपराष्ट्रपति और विपक्षी दलों की अनुपस्थिति में नए भारत की यह घोषणा की गई! भारत का मतलब था राष्ट्र और नागरिक जबकि नए भारत का अर्थ राजा और प्रजा हो गया है.” भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सांसद बिनय विश्वाम ने कहा, “इस शुरुआत से यह पता चल गया कि संसद में क्या होने वाला है. निर्मम फासीवादी निरंकुशता अपने रास्ते पर आगे बढ. रही है. जब प्रधानमंत्री ने सावरकर के सामने सिर झुकाया तो देश को उनकी (सावरकर की) दया याचिकाओं की याद आई. वे अडाणी और एफडीआई के लिए नयी संसद का इस्तेमाल करने की कोशिश करेंगे. हम इससे लड़ेंगे.”

भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने ट्वीट किया, ”दिल्ली में महिला पहलवानों और महिला सम्मान पंचायत में जुटने वाले अन्य नागरिकों पर बर्बर कार्रवाई हो रही है जबकि नए संसद भवन का उद्घाटन किसी राजा के राज्याभिषेक जैसा है. एक तरफ लोकतंत्र पर क्रूर हमला हो रहा है तो दूसरी ओर संवैधानिक भावना और दृष्टिकोण की बातें की जा रही हैं.”

संसद के उद्घाटन में धार्मिक नेताओं व पुजारियों को आमंत्रित किया गया पर राष्ट्रपति को नहीं : अभिषेक
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता अभिषेक बनर्जी ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नए संसद भवन के भव्य उद्घाटन के लिए धार्मिक नेताओं और पुजारियों को आमंत्रित किया गया, लेकिन देश की संवैधानिक प्रमुख भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाया गया. टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव ने संसद में धार्मिक नेताओं की भूमिका पर सवाल उठाया.

पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर सीट से तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा, “जब आप किसी मंदिर में जाते हैं तो आप निश्चित रूप से उन्हें आमंत्रित कर सकते हैं, लेकिन धार्मिक नेताओं की संसद में क्या भूमिका है, वे सदस्य नहीं हैं.” पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले ‘नबो ज्वार ‘ के तहत गरबेटा में एक रोड शो के बाद पश्चिम मिदनापुर जिले के केशपुर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, बनर्जी ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अगला चुनाव धर्म के आधार पर जीतने की कोशिश कर रही है.

बनर्जी ने कहा, “उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी ने) आज एक छोटा सा टीजर दिया कि वह भविष्य में देश को कैसे चलाना चाहते हैं.ह्व उन्होंने आरोप लगाया, ह्ल वह (मोदी) देश को लोकतंत्र से निरंकुशतंत्र में बदलना चाहते हैं. यह शर्मनाक है और दुखद स्थिति है.” टीएमसी सांसद ने दावा किया कि जब प्रधानमंत्री महिला सशक्तिकरण की बात कर रहे थे, तब आंदोलनकारी महिला पहलवानों को नए संसद भवन से लगभग दो किलोमीटर दूर स्थित प्रदर्शन स्थल से जबरन हटा दिया गया. उन्होंने दावा किया कि उद्घाटन कार्यक्रम में राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं कर उनका अपमान किया गया है. टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि रसोई गैस, पेट्रोल और डीजल की अधिक कीमतों के कारण लोगों को परेशानी हो रही है.

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