दुर्भावनापूर्ण तरीके से राहुल के बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे प्रधानमंत्री : कांग्रेस

मोदी सरकार ने आरक्षण को कमजोर करने के लिए निजीकरण को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया: कांग्रेस

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राहुल गांधी पर लगाए गए आरोप के संबंध में रविवार को पलटवार करते हुए कहा कि वह सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने के लिए पूर्व कांग्रेस प्रमुख के हर बयान को ”दुर्भावनापूर्ण तरीके से तोड़-मरोड़कर पेश” करते हैं. विपक्षी दल की टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रविवार को राहुल गांधी पर भारत के राजाओं और महाराजाओं का अपमान करने, लेकिन तुष्टीकरण की राजनीति की खातिर नवाबों, निजामों, सुल्तानों और बादशाहों द्वारा किए गए अत्याचारों पर एक भी शब्द नहीं बोलने का आरोप लगाए जाने के बाद आई. प्रधानमंत्री पर पलटवार करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मोदी ने सारी हदें पार कर दी हैं.

रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”वह सांप्रदायिक पूर्वाग्रहों और भावनाओं को भड़काने के लिए राहुल गांधी के हर बयान को दुर्भावनापूर्ण तथा शरारतपूर्ण तरीके से तोड़-मरोड़कर पेश करते हैं.” उन्होंने कहा, “उनकी (मोदी) विदाई तय है तथा इसका एहसास उन्हें और अधिक हताश कर रहा है. उनके प्रचार भाषण वास्तव में शर्मनाक हैं.”

कर्नाटक के बेलगावी में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ”कांग्रेस ने तुष्टीकरण और वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए हमारा इतिहास और स्वतंत्रता संघर्ष लिखवाया, आज भी कांग्रेस के ‘शहजादे’ उस पाप को आगे बढ.ा रहे हैं. आपने कांग्रेस के शहजादे का हालिया बयान सुना होगा- वह कहते हैं कि भारत के राजा और महाराजा अत्याचारी थे.”

प्रधानमंत्री ने कहा, ”उन्होंने (गांधी) राजाओं और महाराजाओं पर लोगों तथा गरीबों की जमीन तथा संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया…कांग्रेस के शहजादे ने छत्रपति शिवाजी महाराज और कित्तूर की रानी चेन्नम्मा जैसी महान शख्सियतों का अपमान किया है जिनका प्रशासन और देशभक्ति आज भी हमें प्रेरित करते हैं.” मैसुरु के पूर्व राजपरिवार के योगदान को याद करते हुए मोदी ने कहा, ”कांग्रेस के शहजादे ने वोट बैंक की राजनीति और तुष्टीकरण को ध्यान में रखते हुए जानबूझकर ऐसे बयान दिए.” उन्होंने कहा कि मैसुरु के पूर्व राजपरिवार का उनके योगदान के लिए आज भी देशभर में सम्मान किया जाता है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ”शहजादे ने राजा, महाराजाओं के बारे में बुरा-भला कहा, लेकिन भारत के इतिहास में नवाबों, निजामों, सुल्तानों और बादशाहों ने जो अत्याचार किए उसके बारे में शहजादे के मुंह पर ताला लग गया.” मोदी ने कहा कि राहुल गांधी मुगल शासक औरंगजेब के जुल्मों को याद नहीं रख सकते. उन्होंने कहा, ”उसने (औरंगजेब) हमारे कई मंदिरों को अपवित्र किया और उन्हें ध्वस्त कर दिया. कांग्रेस उन दलों के साथ खुशी-खुशी गठबंधन कर रही है, जिन्होंने हमारे धार्मिक स्थानों को नष्ट किया, हत्याओं, गौ हत्या में शामिल रहे. वे उस नवाब को याद नहीं करते, जिसने भारत के विभाजन में भूमिका निभाई थी.” मोदी ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के निर्माण में बनारस के राजा और मंदिरों के पुर्निनर्माण में महारानी अहिल्याबाई होल्कर के योगदान को भी याद किया.

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में सफाए के बाद हताश मोदी डर फैला रहे हैं: कांग्रेस

कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में ”सफाया” होने के बाद ”हताशा” में ”डर फैलाने” का काम कर रहे हैं. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कर्नाटक में मोदी की रैली से पहले उनसे कुछ सवाल किए.
रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ”दूसरे चरण में सफाए के बाद हताश प्रधानमंत्री आज कर्नाटक में कई रैलियां कर रहे हैं. कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका उन्हें झूठ बोलने और डर फैलाने के बजाय जवाब देना चाहिए.”

उन्होंने कहा, ”जन प्रतिनिधियों के रूप में भाजपा सांसदों का प्रदर्शन इतना खराब क्यों रहा है? केंद्र ने सात महीने की देरी के बाद सूखा राहत निधि की 20 प्रतिशत से भी कम राशि क्यों जारी की? केंद्र ‘अपर भद्रा’ और महादयी परियोजनाओं को क्यों रोक रहा है?” रमेश ने संसदीय अनुसंधान सेवा (पीआरएस) के नवीनतम आंकड़ों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि कर्नाटक से भाजपा सांसदों ने अपनी जिम्मेदारियों की घोर उपेक्षा की है और उन्होंने अपने मतदाताओं की सेवा करने की प्रतिबद्धता नहीं दिखाई.

उन्होंने कहा, ”संसद में राष्ट्रीय औसत उपस्थिति 79 प्रतिशत रही लेकिन कर्नाटक के 28 सांसदों की औसत उपस्थिति इससे भी कम 71 प्रतिशत रही. समीक्षा से पता चला कि इनमें से 26 सांसदों ने मनरेगा निधि , सूखा और बाढ. राहत सहायता और केंद्र द्वारा पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) के लिए चावल के अतिरिक्त आवंटन से इनकार करने जैसे कर्नाटक के मुद्दों को कभी नहीं उठाया.” रमेश ने कहा कि सभी बहसों के प्रतिलेखों का विश्लेषण करने पर पीआरएस ने पाया कि बहुत कम सांसदों ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान के लिए नीतियां या कार्यक्रम शुरू करने की कोशिश की.

मोदी सरकार ने आरक्षण को कमजोर करने के लिए निजीकरण को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया: कांग्रेस

कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में आरक्षण को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की टिप्पणी को लेकर रविवार को भाजपा पर हमला बोला और आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने पिछले 10 साल में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को कमजोर करने के लिए निजीकरण को एक “हथियार” के रूप में इस्तेमाल किया है. विपक्षी दल ने यह भी दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘400 पार’ नारे के पीछे का राज यह है कि वह इस बार खुलेआम आरक्षण खत्म करने की कोशिश करेगी.

कांग्रेस की यह टिप्पणी तब आई जब शाह ने उत्तर प्रदेश में एक रैली में कहा कि यह मोदी की गारंटी है कि भाजपा न तो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को खत्म करेगी और न ही किसी को ऐसा करने देगी. शाह की टिप्पणी पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “गृहमंत्री जी जब विभिन्न शहरों में हवाई अड्डे प्रधानमंत्री के सबसे अच्छे दोस्त को सौंप दिए गए, तो क्या वहां आरक्षण खत्म नहीं हो गया? जब एअर इंडिया बेची गई थी, तो क्या वहां आरक्षण खत्म नहीं हुआ था? जब आप इस्पात संयंत्र और तेल रिफाइनरी बेचने जा रहे थे, तो क्या इससे वहां आरक्षण समाप्त नहीं हो गया?”

कांग्रेस नेता ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए एक वीडियो बयान में कहा, ”पूर्व में जब विभिन्न शहरों में आईपीसीएल, बीएसएनएल, अशोका होटल बिके तो क्या इससे इन जगहों पर आरक्षण खत्म नहीं हो गया? यह पिछले 10 वर्षों में अपनाई गई आपकी निजीकरण नीति का परिणाम है, जिससे एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण समाप्त हो गया है तथा लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर बंद हो गए हैं.” रमेश ने कहा कि इसीलिए कांग्रेस बार-बार कहती रही है कि भाजपा आरक्षण के खिलाफ है.

Related Articles

Back to top button