प्रधानमंत्री डरे हुए हैं, मंच पर आंसू भी बहा सकते हैं: राहुल गांधी

विजयपुरा. कांग्रेस की आलोचना के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पलटवार करते हुए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ”वह (मोदी) डरे हुए हैं और मंच पर आंसू तक बहा सकते हैं.” गांधी ने कांग्रेस शासित कर्नाटक के विजयपुरा जिला मुख्यालय में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ”आपने प्रधानमंत्री के भाषण सुने हैं. वह डरे हुए हैं. हो सकता है कि वह मंच पर आंसू बहाने लगें.” प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी हालिया रैलियों में कांग्रेस को ‘मंगलसूत्र’, ‘संपदा पुर्निवतरण’ और ‘विरासत कर’ जैसे आरोपों से घेरने का प्रयास किया है.

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी पर अनेक तरीके से जनता का ध्यान भटकाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ”मोदी ध्यान भटकाने का प्रयास करते हैं. कभी वह चीन और पाकिस्तान की बात करते हैं, कभी वह आपसे थाली बजाने को कहेंगे और कभी आपके मोबाइल फोन पर टॉर्च लाइट जलाने को कहेंगे.” गांधी ने कहा कि भारत में गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई समेत चार महत्वपूर्ण मुद्दे हैं. उन्होंने दावा किया कि केवल कांग्रेस ही बेरोजगारी समाप्त कर सकती है, महंगाई को काबू में कर सकती है और लोगों को उनकी उचित हिस्सेदारी दिला सकती है.

गांधी ने कहा, ”मोदी ने केवल गरीब जनता का पैसा लूटा है. उन्होंने कुछ लोगों को ही अरबपति बनाया है. देश में करीब 22 लोग हैं जिनकी संपदा देश के 70 करोड़ लोगों की संपत्ति के समान है. केवल एक प्रतिशत लोग देश की 40 प्रतिशत संपदा पर नियंत्रण रखते हैं.” उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में दलितों, अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों, अल्पसंख्यकों और सामान्य श्रेणी के निर्धन लोगों के लिए कोई गुंजाइश नहीं है.

उन्होंने कहा, ”मैं आपको केवल एक वाक्य में अपनी बात साफ कर दूंगा. मोदी ने इन अरबपतियों को जो संपदा दी है, वो पैसा हम देश की गरीब जनता को देने जा रहे हैं.” कांग्रेस नेता ने युवाओं से वादा किया कि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो ‘अग्निवीर’ योजना को समाप्त कर देगी.

गांधी ने कहा, ”नरेन्द्र मोदी ने भारत के युवाओं से सेना की नौकरियां छीन लीं. वह अग्निवीर योजना लाए, जो भारतीय सेना और सैनिकों का अपमान है. हम इसे समाप्त करेंगे.” कांग्रेस सांसद ने मोदी पर त्रुटिपूर्ण जीएसटी प्रणाली लागू करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि ये लोकसभा चुनाव सामान्य नहीं हैं. उन्होंने कहा, ”ये वैसे चुनाव नहीं हैं जैसे पहले होते थे. क्योंकि भारत के इतिहास में पहली बार एक पार्टी और एक व्यक्ति संविधान और लोकतंत्र को तबाह करना चाहते हैं.” ***

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