लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के बाद चिंतित हैं प्रधानमंत्री : कांग्रेस अध्यक्ष

मतदान प्रतिशत से संबंधित खरगे के पत्र पर निर्वाचन आयोग की प्रतिक्रिया खेदजनक: कांग्रेस

हैदराबाद. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा चुनाव के तीन चरणों के चुनाव संपन्न हो जाने के बाद चिंतित हैं और इसीलिए वे गैर-चुनावी मुद्दों पर बात कर रहे हैं तथा कांग्रेस को गालियां दे रहे हैं. खरगे ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा नेता “विकास” पर वोट मांगने के बजाय उनके (कांग्रेस) नेताओं के भाषणों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं और राहुल गांधी को ‘शहजादा’ कहते घूम रहे हैं.

खरगे ने कहा, ”तीन चरण के मतदान के बाद मोदी और शाह चिंतित हो गए हैं. उन्होंने अपने घोषणापत्र के बारे में बात करना बंद कर दिया है और केवल कांग्रेस को गाली दे रहे हैं.” प्रधानमंत्री की उस टिप्पणी का जिक्र करते हुए कि कांग्रेस ने चुनाव की घोषणा के बाद ‘अडानी-अंबानी’ के बारे में बात करना बंद कर दिया है, खरगे ने कहा, ”(अगर) पैसा टेम्पो में जा रहा है, तो आप बस देख रहे हैं . पैसा किसके घर से जा रहा है, आपकी सीबीआई कहां है, आपका आयकर विभाग कहां है.”

उन्होंने कहा, ”यदि आप जानते हैं, तो क्या आप सो रहे हैं. अडानी-अंबानी, जहां पैसा जा रहा है, उनका घर जब्त करो. ईडी, आईटी का प्रयोग करें. ऐसे बचकाने तरीके से बोलना किसी प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता.” खरगे ने कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को ‘एम’ अक्षर से शुरू होने वाले शब्दों- मंगलसूत्र, मटन और मुगलों से बहुत प्यार है.

उन्होंने कहा कि ने प्रधानमंत्री का कहना है कि कांग्रेस लोगों की संपत्ति छीन लेगी और उसका एक हिस्सा मुसलमानों को दे देगी. खरगे ने कहा कि लोगों को भड़काने के लिए इस तरह से बोलना ठीक नहीं है. खरगे ने एक बार फिर मोदी को ”झूठों का सरदार” कहा. सैम पित्रोदा और मणि शंकर अय्यर की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर खरगे ने कहा कि पित्रोदा ने अपना पार्टी पद छोड़ दिया है और इसे स्वीकार कर लिया गया है.

मणिशंकर अय्यर की इस कथित टिप्पणी कि पाकिस्तान एक सम्मानित राष्ट्र है और भारत को पड़ोसी देश के साथ बातचीत करनी चाहिए, खरगे ने कहा कि भारत पाकिस्तान से 100 गुना अधिक ताकतवर है. उन्होंने कहा कि वह इंदिरा गांधी ही थीं जिन्होंने बांग्लादेश को मुक्त कराया था और पोखरण में पहला परमाणु परीक्षण भी उन्हीं के नेतृत्व में किया गया था.

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस हरियाणा में अविश्वास प्रस्ताव लाने के बारे में सोच रही है, उन्होंने कहा कि निर्दलीय विधायकों ने (भाजपा) सरकार से समर्थन वापस ले लिया है और पार्टी ने कार्रवाई का फैसला अपने विधायकों पर छोड़ दिया है. अपने दामाद पर लगे 800 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप पर कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ”ठीक है…जेल में डाल दो, फांसी (दे) दो.” खरगे ने कहा कि तेलंगाना में कांग्रेस सरकार ने अब तक छह में से पांच गारंटी पूरी कर ली हैं और शेष एक मौजूदा आदर्श आचार संहिता के कारण लंबित है.

मतदान प्रतिशत से संबंधित खरगे के पत्र पर निर्वाचन आयोग की प्रतिक्रिया खेदजनक: कांग्रेस

कांग्रेस ने मतदान प्रतिशत का आंकड़ा साझा करने में देरी पर पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा विपक्षी नेताओं को लिखे गए पत्र में उठाए गए मुद्दों के समाधान के प्रति निर्वाचन आयोग के “दृष्टिकोण” को शुक्रवार को “खेदजनक” करार दिया. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने “पूरी तरह से वैध” मुद्दे उठाए थे, जिस पर व्यापक चिंता जतायी गई है और टिप्पणियां आयी हैं.

कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी रमेश ने कहा, “इन मुद्दों का समाधान करने के प्रति निर्वाचन आयोग का दृष्टिकोण बेहद खेदजनक है.” निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को मतदान के आंकड़ों पर विपक्षी नेताओं को कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा लिखे गए पत्र पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे स्पष्टीकरण मांगने की आड़ में ह्लपक्षपातपूर्ण विमर्श को आगे बढ.ानेह्व का प्रयास बताया.

रमेश ने कहा कि खरगे के प्रति आयोग की प्रतिक्रिया “बिल्कुल वर्णन से परे” है. उन्होंने कहा, “निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक निकाय है जिसे एक निष्पक्ष निकाय होने की जिम्मेदारी सौंपी गई है जिससे सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने की उम्मीद की जाती है.” रमेश ने कहा, “पत्र की सामग्री और मंशा दोनों उस निकाय की प्रतिष्ठा पर एक स्थायी धब्बा होगी जो सुकुमार सेन, टी एन शेषन, जे एम लिंगदोह और अन्य का गर्व कर सकता है.” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि निर्वाचन आयोग आलोचना से परे नहीं है. उन्होंने कहा, ”जब आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक), सीएंडएजी (भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक), वित्त आयोग और अन्य निकायों की आलोचना की जा सकती है, तो ईसीआई (निर्वाचन आयोग) को क्यों लगता है कि इसकी आलोचना नहीं की जानी चाहिए?”

पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने निर्वाचन आयोग की चूक और कमियों पर संसद में चर्चा का आह्वान किया और कहा कि सभी राजनीतिक दल मौजूदा निर्वाचन आयोग के तहत चुनाव लड़ने के अपने अनुभव साझा करेंगे. चिदंबरम ने सवाल किया, ”यहां तक कि टी एन शेषन की भी आलोचना की गई थी. वर्तमान तीन सदस्यीय आयोग को क्यों आपत्ति क्यों होनी चाहिए?” कांग्रेस नेता ने कहा कि खरगे ने अपने पत्र में वैध मुद्दे उठाए थे और आयोग उसका खंडन कर सकता था. चिदंबरम ने सवाल किया, “…लेकिन पत्र पर आपत्ति क्यों?”

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