साबित हो गया कि कर्नाटक में ‘40 प्रतिशत कमीशन सरकार’ है: कांग्रेस

‘लाल आंख’ दिखाने की बजाय चीनी विदेश मंत्री के लिए लाल कालीन बिछाई गई: कांग्रेस

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने कर्नाटक में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक के पुत्र की भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को कहा कि यह साबित हो गया है कि प्रदेश में ‘40 प्रतिशत कमीशन सरकार’ है. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह बहुत खराब है. यह साबित हो गया है कि कर्नाटक में 40 प्रतिशत कमीशन सरकार है.’’ उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा की कृपा से मैसूर के संदल साबुन में भ्रष्टाचार की दुर्गन्ध भर गई है. कर्नाटक में भाजपा विधायक’ के बेटे 40 लाख की घूस लेते हुए पकड़े गए. ठेकेदार से 81 लाख की घूस मांगी गई थी और बीते 24 घंटे में 7 करोड़ 20 लाख बरामद हो चुके हैं.’’ उन्होंने दावा किया कि यही भाजपा की असलियत है.

सुप्रिया ने कहा, ‘‘हमने कर्नाटक की भाजपा सरकार को ’40 प्रतिशत कमीशन सरकार’ कहा तो इन्हें बुरा लगा. जबकि कर्नाटक के ‘कांट्रैक्टर एसोसिएशन’ ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर कहा था कि राज्य में निविदा के लिए 40 प्रतिशत कमीशन देना पड़ता है. इसके चलते भाजपा एक कार्यकर्ता ने आत्महत्या कर ली और आरोप लोक निर्माण मंत्री पर थे.’’

‘लाल आंख’ दिखाने की बजाय चीनी विदेश मंत्री के लिए लाल कालीन बिछाई गई: कांग्रेस

कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘यथास्थिति बदलने’ को लेकर चीन को ‘लाल आंख’ दिखाने की बजाय चीन के विदेश मंत्री के लिए लाल कालीन बिछाई गई. पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने चीनी विदेश मंत्री चिन गांग के भारत दौरे की पृष्ठभूमि में केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा. चीन के विदेश मंत्री चिन गांग जी-20 के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने दिल्ली पहुंचे थे.

खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी का चीन के लिए ये एकतरफा प्यार है. बात लाल आंख की थी, लेकिन हमने कल देखा कि कैसे चीन के विदेश मंत्री के लिए लाल कालीन बिछाई गई. प्रधानमंत्री ने यह सब किया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब आप (प्रधानमंत्री) कहते हैं कि ‘कोई घुसा नहीं’ तो ये बातचीत एलएसी के किस मुद्दे पर चल रही है? या तो आपने तब झूठ बोला था.. या फिर आप कुछ छिपा रहे हैं. मोदी जी.. हमें मालूम है आपको चीन पसंद है.’’ खेड़ा ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि एलएसी पर अप्रैल, 2020 की यथास्थिति को बहाल करने के संदर्भ में क्या प्रगति हुई है.

चीनी नागरिकों के साथ मिलकर शेल कंपनियां चला रहे हैं विनोद अडाणी, जांच कराए सरकार: कांग्रेस

कांग्रेस ने शुक्रवार को उद्योगपति गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी पर ‘चीन के नागरिकों के साथ मिलकर शेल कंपनियां चलाने’ का आरोप लगाया और कहा कि सरकार को उनकी मदद करने की जगह पूरे मामले की जांच करानी चाहिए. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने अपने सवालों की श्रृंखला ‘हम अडाणी के हैं कौन’ की उप श्रृंखला ‘‘दिख रहा है विनोद’’ के तहत प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी से कुछ प्रश्न कर रहे हैं.

रमेश ने दावा किया, ‘‘अडाणी समूह के चीन के साथ पुराने संबंध है. एक चीनी नागरिक चांग चुंग-ंिलग (उर्फ ंिलगो-चांग) विनोद अडाणी के साथ अडाणी समूह की कई कंपनियों में निदेशक रहा है और पनामा पेपर्स में भी उसका नाम आया था. दिसंबर 2017 में दक्षिण कोरिया द्वारा पनामा में पंजीकृत तेल टैंकर ‘कोटि’ को उत्तर कोरियाई टैंकर में पेट्रोलियम उत्पादों को स्थानांतरित करने के कारण संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिबंधों के उल्लंघन के लिए जब्त कर लिया था.’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘अडाणी परिवार के साथ चांग चुंग-ंिलग के संबंधों की वास्­तविकता क्या है? चीन और उत्तर कोरिया की सरकारों का उस समूह पर कितना प्रभाव है, जो रणनीतिक रूप से महत्­वपूर्ण भारतीय परिसंपत्तियों को नियंत्रित करता है और भारत के प्रधानमंत्री के साथ जिसके घनिष्ठ संबंध है? क्या आप चीन और उत्तर कोरिया के प्रभाव के प्रति संवेदनशील एक व्यापारिक समूह पर अपनी दुस्­साहसपूर्ण निर्भरता के कारण अति महत्वपूर्ण भारतीय संपत्तियों की सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल रहे हैं?’’ उन्होंने आरोप लगाया कि विनोद अडाणी चीन के नागरिकों के साथ मिलकर शेल कंपनियां चला रहे हैं.

रमेश ने कहा कि सरकार को विनोद अडाणी की मदद करने की बजाय आरोपों की जांच करानी चाहिए. उन्होंने यह भी पूछा, ‘‘अडाणी समूह के अवैध गतिविधियों में शामिल चीनी नागरिकों के साथ इतने गहरे संदेहास्­पद संबंध क्यों हैं? विनोद और गौतम अडाणी के साथ उनका क्या रिश्ता है? रमेश ने दावा किया, ‘‘अडाणी समूह ने बार-बार दायर अपने दस्­तावेजों में विनोद अडाणी को साइप्रस की नागरिकता वाले एक एनआरआई के रूप में दर्शाया है. फिर भी दुबई में संपत्ति के रिकॉर्ड कथित तौर पर यह दिखाते हैं कि विनोद अडाणी के पास भारतीय पासपोर्ट है, जिसकी वैधता 2026 तक है.’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘इस तथ्­य को समक्षते हुए कि भारत में दोहरी नागरिकता मान्­य नहीं है, विनोद अडाणी के पास भारतीय पासपोर्ट होना कैसे संभव है? क्या सरकार को चीनी नागरिकों की मिलीभगत से मनी-लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) और शेल कंपनियों (मुखौटा कंपनियों) के संचालन के आरोपी व्यक्ति की जांच नहीं करनी चाहिए?’’ कांग्रेस अमेरिकी वित्तीय शोध संस्था ‘ंिहडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी समूह और प्रधानमंत्री पर लगातार हमले कर रही है.

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