कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में अगली सुनवाई सात मई को

प्रयागराज. मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष ने दलील दी कि कृष्ण जन्मभूमि एक संरक्षित और राष्ट्रीय महत्व का स्मारक है तथा यह प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्वीय स्थल एवं अवशेष अधिनियम, 1958 के अंतर्गत आएगा.

हिंदू पक्ष की ओर से अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने कहा कि इसके आलोक में पूजा स्थल अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होंगे. उन्होंने कहा, ”पूजा पाठ करना हमारा मौलिक अधिकार है और इस अधिकार को सीमा के कानून से घटाया नहीं जा सकता. देवता और भक्त दोनों को अधिकार है कि उनकी बातों को सुना जाए.” इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन द्वारा की जा रही है. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई सात मई को करने का निर्देश दिया.

हरिशंकर जैन ने दलील दी कि यह वाद पोषणीय है और वाद की गैर पोषणीयता के संबंध में दायर आवेदन पर साक्ष्यों को देखने के बाद ही निर्णय किया जा सकता है. यह वाद शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने के बाद जमीन का कब्जा लेने और मंदिर बहाल करने के लिए दायर किया गया है.

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