क्वाड के विदेश मंत्रियों ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए कार्यकारी समूह गठित करने की घोषणा की

नयी दिल्ली. क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को एक स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए इस चार सदस्यीय समूह की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि यह ‘‘कानून के शासन, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का पुरजोर समर्थन करता है.

क्वाड, चार देशों-भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान- का समूह है. चारों देश लोकतांत्रिक हैं और निर्बाध समुद्री व्यापार तथा सुरक्षा के साझा हित का समर्थन करते हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, उनके जापानी समकक्ष योशिमासा हयाशी और आस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग की मुलाकात के बाद यह घोषणा की गई कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक क्वाड कार्यकारी समूह गठित किया जाएगा. इसका उद्देश्य आतंकवाद के नये व उभरते स्वरूपों, कट्टरपंथ और हिंसक चरमपंथ का मुकाबला करने के लिए उपाय तलाशना है.

मंत्रियों ने जी7 की जापान की अध्यक्षता, जी20 की भारत की अध्यक्षता और 2023 में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) की अमेरिकी मेजबानी के दौरान क्वाड के उद्देश्यों पर करीब से काम करने की प्रतिबद्धता जताई. बैठक के बाद, चारों मंत्रियों ने ‘रायसीना डायलॉग’ के एक सत्र में हिस्सा लिया और क्वाड सदस्य देशों के हितों के समन्वय के बारे में बातचीत की.

ब्लिंकन ने कहा, ‘‘हमारे लिए हिंद-प्रशांत से भविष्य काफी हद तक जुड़ा हुआ है. पूरे क्षेत्र में, क्वाड और अन्य माध्यमों से हमारी भागीदारी पहले की तरह ही व्यापक और गहरी है.’’ ब्लिंकन और वॉन्ग जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए भारत में हैं, जबकि हयाशी क्वाड की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली आये हैं.

क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘हमारी आज की बैठक एक स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करने के लिए क्वाड की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है, जो समावेशी है.’’ क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ के सभी स्वरूपों की एक स्वर में निंदा की. उन्होंने आतंकी हमलों को अंजाम देने या उनकी साजिश रचने में इस्तेमाल किये जा सकने वाले आतंकी संगठनों को वित्तीय या सैन्य सहयोग की भी निंदा की. इनमें एक देश की सीमा पार कर दूसरे देश में किये जाने वाले आतंकी हमले भी शामिल हैं.

उन्होंने 26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई आतंकी हमले सहित अन्य आतंकवादी हमलों और पठानकोट हमले की निंदा भी की. मुंबई हमले में क्वाड देशों के नागरिक भी मारे गये थे. बयान में कहा गया है, ‘‘हम स्वतंत्रता, कानून के शासन, संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता, समुद्री तथा वायु परिवहन की आजादी और धमकी या बल प्रयोग का सहारा लेने के बजाय विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के सिद्धांतों का दृढ़ता से समर्थन करते हैं.’’

इसमें कहा गया है, ‘‘हम यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास का विरोध करते हैं. ये सभी चीजें हिंद-प्रशांत सहित अन्य क्षेत्रों में शांति, स्थिरता और समृद्धि बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं.’’ बयान में चारों सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने कहा कि क्वाड क्षेत्रीय और वैश्विक भलाई के लिए एक ताकत के रूप में काम कर रहा है और यह अपने सकारात्मक और रचनात्मक एजेंडे के माध्यम से हिंद-प्रशांत क्षेत्र की प्राथमिकताओं द्वारा निर्देशित होगा.

उन्होंने बयान में कहा, ‘‘हम आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए क्वाड कार्यकारी समूह के गठन की घोषणा कर खुश हैं. यह आतंकवाद के नये व उभरते स्वरूपों, कट्टरपंथ से लेकर हिंसा और हिंसक चरमपंथ तक का मुकाबला करने के लिए क्वाड के बीच और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साथ सहयोग की संभावना तलाशेगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इस वैश्विक मुद्दे पर अपनी चर्चा जारी रखने के लिए 2023 में अमेरिक में अपनी प्रथम बैठक को लेकर उत्सुक हैं.’’ क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के कुछ महीनों बाद आस्ट्रेलिया में समूह का शिखर सम्मेलन होना है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होने वाले हैं.

बयान में कहा गया है कि क्वाड के जरिये सदस्य देश स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, स्वच्छ ऊर्जा अपनाने, महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों, बुनियादी ढांचे और संपर्क जैसी समकालीन चुनौतियों पर व्यावहारिक सहयोग के माध्यम से क्षेत्र का समर्थन करना चाहते हैं. बयान में स्थायी, पारदर्शी और निष्पक्ष कर्ज एवं वित्तपोषण प्रक्रियाओं के माध्यम से ऋण संकट को दूर करने के बारे में भी बात की गई है.

इसमें कहा गया है, ‘‘हम इस बात से सहमत हैं कि नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित अंतरराष्ट्रीय कानून और सभी राज्यों की संप्रभुता, राजनीतिक स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों में निहित है.’’ बयान में कहा गया है, ‘‘हम अपने भागीदारों के परामर्श से और बहुपक्षीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय प्रणाली को एकतरफा रूप से बदलने के प्रयासों से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’’ पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में चीनी दखल का सीधे तौर पर संदर्भ दिये बगैर क्वाड विदेश मंत्रियों ने समुद्री मार्ग में नौवहन की स्वतंत्रता के महत्व का उल्लेख किया.

क्वाड देशों ने यू्क्रेन में समग्र एवं स्थायी शांति का किया आह्वान

क्वाड के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को यूक्रेन में स्थायी शांति का आह्वान किया तथा रूस का नाम लिये बगैर कहा कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल या उनके इस्तेमाल की धमकी ‘‘अस्वीकार्य’’ है. विदेश मंत्री एस जयशंकर, उनके अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन, जापानी समकक्ष योशिमासा हयाशी और ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वॉन्ग के बीच बैठक के दौरान यह मुद्दा उठा.

एक संयुक्त बयान में विदेश मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार यूक्रेन में समग्र, तत्काल एवं स्थायी शांति की जरूरत पर बल दिया है. विदेश मंत्रियों ने कहा, ‘‘ यूक्रेन में संघर्ष तथा तथा इसकी वजह से उत्पन्न हालात पर अपनी प्रतिक्रिया पर हम चर्चा करते रहे हैं और इस बात पर सहमत हैं कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल या उनके इस्तेमाल की धमकी अस्वीकार्य है.’’

न्होंने कहा, ‘‘हमने अंतरराष्ट्रीय कानून खासकर संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार यूक्रेन में समग्र, तत्काल एवं स्थायी शांति की जरूरत पर बल दिया है .’’ क्वाड (चतुष्पक्षीय संवाद समूह) के विदेश मंत्रियों ने कहा कि नियमाधारित व्यवस्था को संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, पारर्दिशता तथा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का सम्मान करना चाहिए.

विभिन्न विषयों में ठोस प्रगति पर जापानी विदेश मंत्री हयाशी के साथ चर्चा की:जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी के साथ बैठक में दोनों देशों के संबंधों में ‘ठोस प्रगति’ सहित रणनीतिक सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. हयाशी मुख्य रूप से चार देशों के समूह ‘क्वाड’ के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए भारत की यात्रा पर आये हैं.

जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘विदेश मंत्री योशिमासा हयासी की भारत की प्रथम यात्रा पर उनकी मेजबानी कर खुश हूं. अपनी गर्मजोशी भरी और मैत्रीपूर्ण बातचीत जारी रखी. हमारे द्विपक्षीय संबंध के विभिन्न विषयों में ठोस प्रगति पर चर्चा की. तीसरे देशों में हमारे सहयोग पर भी चर्चा की.’’ क्वाड की बैठक में विदेश मंत्रियों ने एक स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि यह कानून का शासन, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता तथा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का पुरजोर समर्थन करता है.

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