राजनाथ, मुंडा और अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों के मुद्दे पर चर्चा की

नयी दिल्ली. राजनाथ सिंह और अर्जुन मुंडा समेत वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों ने बुधवार को किसानों के विरोध प्रदर्शन और मुद्दों के समाधान के तरीकों पर चर्चा की. सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कृषि मंत्री मुंडा के साथ किसानों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया. मुंडा भी उन मंत्रियों में से एक हैं जिन्होंने किसान समूहों के साथ चर्चा की. बैठक के बारे में विवरण का तुरंत पता नहीं चल सका है.

फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी समेत अपनी अन्य मांगों को लेकर बड़ी संख्या में किसानों ने मंगलवार को अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया था. हरियाणा पुलिस ने शंभू सीमा पर पंजाब के किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े थे. हरियाणा के जींद जिले में दाता सिंहवाला-खनौरी सीमा पर भी इसी तरह का गतिरोध था, जहां हरियाणा पुलिस ने बैरिकेड लगाकर किसानों को अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के जरिये दिल्ली जाने से रोक दिया था.

मुंडा ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा था कि एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून सभी हितधारकों से विचार-विमर्श किए बिना जल्दबाजी में नहीं लाया जा सकता. इसके साथ ही उन्होंने किसान संगठनों से इस मुद्दे पर सरकार के साथ रचनात्मक चर्चा करने की अपील की थी.

भाजपा के सूत्रों ने आगामी लोकसभा चुनावों में सत्ता में आने पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की एक प्रमुख सिफारिश को लागू करने का वादा करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा. भाजपा के एक नेता ने मंगलवार को ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू करने वाले किसानों के समर्थन में किये गये प्रदर्शन में एमएसपी कानून लाने का वादा करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की.

भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ” कांग्रेस ने 2010 में लाभकारी कीमतों के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को खारिज कर दिया था.” भाजपा के सूत्रों ने आरोप लगाया कि इसी कांग्रेस ने केंद्र में सत्ता में रहते हुए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार नहीं किया था.

सूत्रों ने बताया कि तत्कालीन कृषि राज्य मंत्री के वी थॉमस ने 16 अप्रैल 2010 को राज्यसभा में भाजपा सदस्य प्रकाश जावड़ेकर द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा था कि सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की इस सिफारिश को स्वीकार नहीं किया कि एमएसपी उत्पादन की औसत लागत से कम से कम 50 प्रतिशत अधिक होना चाहिए.

थॉमस ने भाजपा सदस्य के सवाल के लिखित जवाब में कहा था, ”प्रो. एमएस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय किसान आयोग ने सिफारिश की है कि एमएसपी उत्पादन की भारित औसत लागत से कम से कम 50 प्रतिशत अधिक होना चाहिए.” थॉमस ने कहा था, ”हालांकि, इस सिफारिश को सरकार ने स्वीकार नहीं किया गया है क्योंकि एमएसपी की सिफारिश कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) द्वारा वस्तुनिष्ठ मानदंडों के आधार पर और विभिन्न प्रासंगिक कारकों पर विचार करते हुए की जाती है.”

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