राजनाथ सिंह ने चीन की घुसपैठ के दावों को लेकर राहुल गांधी की आलोचना की

सेना प्रमुख के बयान को राहुल गांधी ने गलत तरीके से संदर्भित किया : राजनाथ

नयी दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भारत-चीन सीमा पर स्थिति को लेकर सेना प्रमुख के बयान के बारे में ”झूठे दावे” करने का आरोप लगाया. सिंह ने ‘एक्स’ पर कहा, ”राहुल गांधी ने सेना प्रमुख का हवाला देते हुए जो शब्द कहे हैं, वह उन्होंने कभी नहीं कहे. यह बहुत अफसोस की बात है कि राहुल गांधी राष्ट्रीय हित के मामलों पर गैरजिम्मेदार राजनीति में लिप्त हैं.” सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दावा किया था कि चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा किया है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इससे इनकार किया है. गांधी ने कहा था कि सेना प्रधानमंत्री की राय से असहमत है. गांधी के दावों पर सत्ता पक्ष ने कड़ा विरोध किया.

गांधी ने कहा था, ”प्रधानमंत्री ने इस बात से इनकार किया है कि चीनी सेना हमारे क्षेत्र में घुसी है, लेकिन किसी कारणवश हमारी सेना चीनियों से हमारे क्षेत्र में उनके प्रवेश के बारे में बात करती रहती है और हमारे सेना प्रमुख ने कहा है कि चीनी हमारे क्षेत्र में घुसे हुए हैं.” सिंह ने मंगलवार को कहा कि ये ”झूठे” दावे हैं. उन्होंने कहा, ”राहुल गांधी ने तीन फरवरी को संसद में अपने भाषण में भारत-चीन सीमा पर स्थिति को लेकर सेना प्रमुख के बयान के बारे में झूठे आरोप लगाए.” भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सेना प्रमुख की टिप्पणी केवल दोनों पक्षों द्वारा पारंपरिक गश्त में व्यवधान का संदर्भ देती है.

सिंह ने कहा कि उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हाल में सेना को पीछे हटाने की प्रक्रिया के तहत इन गतिविधियों को उनके पारंपरिक स्वरूप में बहाल कर दिया गया है. रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने संसद में इन विवरणों को साझा किया है. उन्होंने कहा कि अगर चीन ने भारत के किसी क्षेत्र पर कब्जा किया है तो वह 1962 के युद्ध के परिणामस्वरूप अक्साई चिन में 38,000 वर्ग किलोमीटर और 1963 में पाकिस्तान द्वारा चीन को अवैध रूप से दिया गया 5,180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र है. उन वर्षों में कांग्रेस सत्ता में थी. सिंह ने कहा, ”राहुल गांधी को हमारे इतिहास के इस चरण पर आत्मविश्लेषण करना चाहिए.” इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर सदन में भाषण के दौरान राहुल गांधी द्वारा ”सरासर झूठ और दुष्प्रचार अभियान” चलाने के लिए उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही शुरू करने की मांग की.

सोमवार को विपक्ष के नेता के भाषण पर सत्तारूढ. भाजपा की ओर से कड़ी आपत्ति जताए जाने के बाद दुबे ने अध्यक्ष को अपना नोटिस सौंपते हुए दावा किया कि कांग्रेस नेता अपने आरोपों को प्रमाणित किए बिना झूठ फैलाने के लिए अपने संसदीय विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं. भाजपा सांसद ने कहा कि राहुल गांधी के भाषण में मुख्य रूप से दावे थे, जिनमें यह भी शामिल था कि मोबाइल फोन भारत में नहीं बनते बल्कि यहां केवल ‘असेंबल’ किए जाते हैं और चीन ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है.

सेना प्रमुख के बयान को राहुल गांधी ने गलत तरीके से संदर्भित किया : राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर सेना प्रमुख के बयान को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया. गांधी ने सोमवार को लोकसभा में अपने संबोधन में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर सरकार पर हमला करते हुए कहा, ”हमारे सेना प्रमुख ने कहा है कि चीनी हमारे क्षेत्र के अंदर हैं.” सिंह ने ‘एक्स’ पर कहा, ”राहुल गांधी ने तीन फरवरी को संसद में अपने भाषण में भारत-चीन सीमा पर स्थिति को लेकर सेना प्रमुख के बयान के बारे में झूठे आरोप लगाए.” रक्षा मंत्री ने कहा, ”सेना प्रमुख की टिप्पणी केवल दोनों पक्षों द्वारा पारंपरिक गश्त में व्यवधान का संदर्भ देती है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हाल में सेना को पीछे हटाने की प्रक्रिया के तहत इन गतिविधियों को उनके पारंपरिक स्वरूप में बहाल कर दिया गया है.” रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने संसद में इन विवरणों को साझा किया है.

सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ने सेना प्रमुख का हवाला देते हुए जो शब्द कहे हैं, वह उन्होंने कभी नहीं कहे. उन्होंने कहा, ”यह बहुत अफसोस की बात है कि राहुल गांधी राष्ट्रीय हित के मामलों पर गैरजिम्मेदार राजनीति में लिप्त हैं.” उन्होंने कहा कि अगर चीन ने भारत के किसी क्षेत्र पर कब्जा किया है तो वह 1962 के युद्ध के परिणामस्वरूप अक्साई चिन में 38,000 वर्ग किलोमीटर और 1963 में पाकिस्तान द्वारा चीन को अवैध रूप से दिया गया 5,180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र है. सिंह ने कहा, ”राहुल गांधी को हमारे इतिहास के इस चरण पर आत्मविश्लेषण करना चाहिए.” राहुल गांधी ने कहा था, ”प्रधानमंत्री ने इस बात से इनकार किया है कि चीनी सेना हमारे क्षेत्र में घुसी है, लेकिन किसी कारणवश हमारी सेना चीनियों से हमारे क्षेत्र में उनके प्रवेश के बारे में बात करती रहती है और हमारे सेना प्रमुख ने कहा है कि चीनी हमारे क्षेत्र में घुसे हुए हैं.” सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 13 जनवरी को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच अब भी कुछ हद तक गतिरोध बना हुआ है और दोनों पक्षों को बैठकर हालात को शांत करने और विश्वास बहाल करने के लिए व्यापक समझ बनाने की जरूरत है.

राहुल गांधी ने भारत को बदनाम करने का ठेका ले रखा है: भाजपा सांसद

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद राजकुमार चाहर ने मंगलवार को लोकसभा में आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ”भारत को बदनाम करने का ठेका ले रखा है”. उन्होंने सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि राहुल गांधी को सोमवार को अपने भाषण में की गई अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगनी चाहिए.

चाहर ने आरोप लगाया, ”देश को बदनाम करने का ठेका राहुल गांधी ने ले रखा है. देश के बाहर जाते हैं तो वह भारत को अपमानित करते हैं और संसद में बोलते हैं तो भी भारत को बदनाम करते हैं.” उन्होंने कहा कि लगता था कि नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद राहुल गांधी में सुधार आएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

उन्होंने दावा किया कि सोमवार को निचले सदन में अपने भाषण में राहुल गांधी ने 34 बार चीन का नाम लिया. चाहर ने कहा, ”चीन से क्या नजदीकियां हैं आपकी? देश की जनता जानना चाहती है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी कितनी बार चीन गए?” उन्होंने कहा कि देश को इस बारे में बताया जाना चाहिए. चाहर ने दावा किया कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री और सेना के बारे में कुछ टिप्पणियां की जो बहुत शर्मनाक हैं. शिवसेना सांसद धैर्यशील माने ने राहुल गांधी की महाराष्ट्र की मतदाता सूची से जुड़ी टिप्पणी को लेकर दावा किया कि विपक्ष के नेता को ‘क्राई बेबी सिंड्रोम’ हो गया है.

दलितों, आदिवासियों और ओबीसी के आईएएस बनने में कांग्रेस ने रोड़ा पैदा किया: अनुप्रिया पटेल

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कांग्रेस पर देश में आजादी के बाद से दलित, आदिवासी और ओबीसी वर्ग के लोगों के प्रशासनिक सेवा में आने में रोड़ा बनने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को दावा किया कि केंद्र सरकार ने देश में सामाजिक न्याय के लिए अनेक काम किए हैं.

अनुप्रिया ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि विपक्ष के लोग मोदी सरकार में भारत के प्रगति की ओर बढ़ते कदमों को नहीं देखना चाहते, लेकिन देश की 140 करोड़ जनता इसे देख रही है.
उन्होंने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के सोमवार को सदन में दिए गए भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस और आजादी के बाद कई दशकों तक रही उसकी सरकारों की नीतियों की वजह से सर्वोच्च पदों पर अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोग नहीं पहुंच पाए.

राहुल गांधी ने पिछले साल बजट की ‘हलवा सेरेमनी’ के एक फोटो का जिक्र करते हुए अपना यह दावा दोहराया था कि इसमें दलित और ओबीसी वर्ग के एक भी अधिकारी की तस्वीर नहीं है. अनुप्रिया पटेल ने कहा, ”इन तस्वीरों में से वंचित और दलित वर्ग के लोग 2014 के बाद से गायब नहीं हैं, बल्कि आजादी के समय से ही नदारद हैं.” उन्होंने कहा कि इस तरह की तस्वीरों में दलितों और आदिवासियों के आने का मतलब है कि इस वर्ग के लोग आईएएस अधिकारी बनें, लेकिन इन वंचित वर्गों के प्रशासनिक अधिकारी बनने में सबसे बड़ा रोड़ा कांग्रेस बनी जिसने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं होने दिया.

उन्होंने कहा कि आज देश की राष्ट्रपति आदिवासी समुदाय से हैं, प्रधानमंत्री ओबीसी वर्ग के हैं और सीएजी के प्रमुख भी आदिवासी हैं.
अनुप्रिया ने कहा, ”क्या (राजग से) पहले की सरकारों में इन सर्वोच्च पदों पर वंचित वर्ग के लोग आसीन हो पाए और नहीं हो सके तो इसका जिम्मेदार कौन है?” उन्होंने कहा कि 1952 से लेकर आज तक देश का सारा आंकड़ा सामने आना चाहिए कि पिछड़े और वंचित वर्गों को सर्वोच्च पदों पर कब और कितनी हिस्सेदारी मिली.

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