राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक ‘आप’ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त

हमारा लक्ष्य रचनात्मक राजनीति को देश के कोने-कोने में ले जाना है : आप के राष्ट्रीय महासचिव

नयी दिल्ली. आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने नेता एवं राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) नियुक्त किया है. पाठक पंजाब और गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रभारी थे. गुजरात में मिले मतों के आधार पर ही पार्टी, राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने योग्य बनी है.

पार्टी के आधिकारिक ट्विटर खाते पर इस संबंध में घोषणा करते हुए लिखा गया, ‘‘ पार्टी संदीप पाठक को राष्ट्रीय संगठन महामंत्री नियुक्त करती है. वह ‘आप’ के राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) के स्थायी आमंत्रित सदस्य भी होंगे. नई भूमिका के लिए आपको शुभकामनाएं.’’ पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह नियुक्ति की गई है.

निर्वाचन प्रतीक (आरक्षण एवं आबंटन) आदेश के प्रावधानों का हवाला देते हुए निर्वाचन आयोग के एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि एक पार्टी को एक राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए चार राज्यों में राज्य पार्टी का दर्जा चाहिए होता है. ‘आप’ दिल्ली, गोवा और पंजाब में पहले ही राज्य स्तर की पार्टी का दर्जा हासिल कर चुकी थी. दिल्ली और पंजाब में ‘आप’ की ही सरकार है.

अधिकारी ने कहा कि किसी भी पार्टी को राज्य स्तर की पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए आठ प्रतिशत वोट की जरूरत होती है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरंिवद केजरीवाल नीत ‘आप’ ने गुजरात विधानसभा चुनाव में 181 सीट में से केवल पांच सीट पर जीत दर्ज की थी, लेकिन उसे कुल मतों के करीब 13 प्रतिशत मत मिले थे. ‘आप’ के संयोजक केजरीवाल ने कहा था कि पार्टी ने ज्यादा सीट नहीं जीतीं, लेकिन पार्टी को मिले मतों ने उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने में मदद की है.

हमारा लक्ष्य रचनात्मक राजनीति को देश के कोने-कोने में ले जाना है : आप के राष्ट्रीय महासचिव

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक ने मंगलवार को कहा कि पार्टी में संगठन का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त होने के बाद उनका पहला लक्ष्य उसकी ‘‘रचनात्मक और सकारात्मक राजनीति’’ को देश के कोने-कोने तक पहुंचाना है. पार्टी द्वारा मंगलवार को नियुक्ति किए जाने के बाद राउज एवेन्यू में पार्टी मुख्यालय पर पीटीआई/भाषा के साथ साक्षात्कार में पाठक ने कहा, ‘‘आप अवसरवाद की राजनीति में यकीन नहीं करती है.’’ पाठक ने पंजाब विधानसभा चुनाव में आप की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और गुजरात चुनाव में वह पार्टी के चुनावी रणनीतिकार थे, जहां आप को पांच सीटें और करीब 13 प्रतिशत वोट मिला है. गुजरात चुनाव में प्रदर्शन से आप को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने में मदद मिली है.

यह पूछने पर कि अगले साल जब नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उनकी पार्टी का ध्यान किस पर होगा, पाठक ने कहा, ‘‘आप के सदस्य साथ बैठेंगे और तय करेंगे कि किस राज्य में चुनाव लड़ना है और कितनी शिद्दत से लड़ना है. लेकिन विचार एकदम स्पष्ट है… रचनात्मक राजनीति के संदेश को चारों ओर फैलाना है.’’ अगले साल छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम और नगालैंड में विधानसभा चुनाव होने हैं.

इस महीने की 18 तारीख को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों पर चर्चा होगी या नहीं, इस संबंध में सवाल करने पर पाठक ने कहा, ‘‘बिलकुल. इस पर उचित मंच पर चर्चा होगी. इस पर चर्चा जारी रहेगी.’’ आप के राष्ट्रीय समन्वयक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरंिवद केजरीवाल द्वारा ‘सकारात्मक राजनीति’ पर जोर दिए जाने के संबंध में पार्टी के नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) ने कहा कि उनका पहला लक्ष्य ‘‘रचनात्मक और सकारात्मक राजनीति’’ को घर-घर पहुंचाना है.

उन्होंने बताया, ‘‘यही इकलौता मोटो (लक्ष्य) है. विकसित देशों की स्थिति कैसे इतनी अच्छी है, जबकि कुछ देश अभी भी समस्याओं का सामना कर रहे हैं? देखने योग्य बात यह है कि विकसित देश रचनात्मक राजनीति कर रहे हैं. सिर्फ रचनात्क राजनीति ही देश को नंबर-1 बना सकती है, बाकी सब निरर्थक है.’’ पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 2024लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए पाठक की नियुक्ति की गई है.

इस सवाल पर कि क्या अगले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी अकेले दम पर मैदान में उतरेगी या फिर भाजपा-विरोधी मोर्चें के साथ रहेगी, पाठक ने कहा, ‘‘हम अवसरवादी राजनीति में यकीन नहीं करते हैं. हमारा विचार उसी रूख को मानना है जो हमने तय किया है और रचनात्मक राजनीति को आगे बढ़ाना है… बाकी जनता तय करेगी.’’ छत्तीसगढ़ में मुंगेली के रहने वाले पाठक राजनीति में शामिल होने से पहले आईआईटी दिल्ली में एसोसिएट प्रोफेसर थे.

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