रेटिंग एजेंसियां राजकोषीय घाटा कम करने के हमारे प्रयासों को ध्यान में रखें: सीतारमण

नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों को यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि भारत ने राजकोषीय घाटा कम करने के लिए निर्धारित लक्ष्यों को बेहतर किया है. सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटे को कम कर 5.1 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है जबकि चालू वित्त वर्ष के लिए यह 5.8 प्रतिशत से कम है.

राजकोषीय सशक्तीकरण की रूपरेखा के मुताबिक, सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत से नीचे लाने का लक्ष्य तय किया गया है. सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में रेटिंग एजेंसियों को अपना संदेश देते हुए कहा, ”रेटिंग एजेंसियों को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि हम न केवल राजकोषीय सशक्तीकरण रोडमैप पर चल रहे हैं बल्कि उसे बेहतर भी कर रहे हैं. इस सरल, सीधे संदेश को हर रेटिंग एजेंसी को समझना चाहिए.”

कर संग्रह में सुधार के अलावा बैंकों और वित्तीय संस्थानों से सरकार को मिलने वाला लाभांश बढ.ने से राजकोषीय घाटा कम करने में मदद मिलेगी. वैश्विक रेटिंग एजेंसियों- फिच, एसएंडपी और मूडीज ने भारत को स्थिर परिदृश्य के साथ सबसे कम निवेश-योग्य रेटिंग दी हुई है. निवेशक इस रेटिंग को देश की साख और कंपनियों की उधारी पर असर के पैमाने के रूप में देखते हैं.

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