
नयी दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लाल किला कार विस्फोट मामले में मुख्य भूमिका निभाने वाले फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय के न्यासियों और प्रवर्तकों के खिलाफ दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में मंगलवार को छापेमारी करने के बाद समूह के अध्यक्ष जावेद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार कर लिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि सिद्दीकी को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के आपराधिक प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया है और रिमांड के लिए सक्षम अदालत में पेश किया जा रहा है.
सूत्रों के अनुसार, एजेंसी ने सुबह करीब सवा पांच बजे शुरू की तलाशी के दौरान 48 लाख रुपये नकद भी जब्त किए हैं. अधिकारियों ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी की कई टीम ने अल फलाह ट्रस्ट और विश्वविद्यालय प्रतिष्ठान के कम से कम 25 परिसरों की तलाशी ली. एजेंसी के दलों ने दिल्ली के ओखला क्षेत्र में एक कार्यालय पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की सुरक्षा में छापा मारा.
दिल्ली में लाल किले के निकट 10 नवंबर को हुए विस्फोट में 15 लोग मारे गए. विस्फोट में विश्वविद्यालय तथा कश्मीर से जुड़े कई चिकित्सकों की भूमिका आतंकवाद निरोधी जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में है. ईडी के एक अधिकारी ने कहा, ”यह कार्रवाई वित्तीय अनियमितताओं, फर्जी कंपनियों, आवास संस्थाओं के इस्तेमाल और धन शोधन की चल रही जांच का हिस्सा है. अल फलाह ट्रस्ट और संबंधित संस्थाओं की भूमिका की जांच की जा रही है.” अधिकारी ने बताया कि ट्रस्ट और विश्वविद्यालय के वित्त व प्रशासन की देखरेख करने वाले ”प्रमुख” र्किमयों के खिलाफ भी छापे मारे गए हैं.
ईडी ने इस मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी का संज्ञान लिया है. अब तक एनआईए ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्हें ”आत्मघाती हमलावर” डॉ. उमर नबी का कथित करीबी सहयोगी बताया जा रहा है. अधिकारियों के अनुसार, समूह से जुड़ी कम से कम नौ फर्जी कंपनियां ईडी की जांच के दायरे में हैं. ये कंपनियां एक ही पते पर पंजीकृत पायी गयी हैं. अल फलाह विश्वविद्यालय हरियाणा में फरीदाबाद जिले के धौज क्षेत्र में स्थित है और यह एक मेडिकल कॉलेज-सह-अस्पताल है.



