आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने विवाद के बीच आरक्षण का समर्थन किया

हैदराबाद. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर आरक्षण को लेकर विपक्ष के हमले के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि संगठन ने हमेशा संविधान के अनुसार आरक्षण का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि संगठन ”भेदभाव” व्याप्त रहने तक आरक्षण लागू रखने की वकालत करता है. यहां विद्या भारती विज्ञान केंद्र के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए भागवत ने सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो का उल्लेख किया और कहा कि इसमें झूठा दावा किया गया है कि आरएसएस आरक्षण का विरोध करता है. उन्होंने कहा कि वीडियो में उन्हें एक बैठक करते दिखाया गया है जबकि इस तरह की कोई बैठक नहीं हुई है.

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि जब से आरक्षण अस्तित्व में आया है, संघ ने संविधान के अनुसार आरक्षण का पूरी तरह समर्थन किया है.
उन्होंने कहा, ”संघ का कहना है कि आरक्षण तब तक जारी रहना चाहिए जब तक लोग, जिन्हें यह दिया गया है, महसूस करें कि उन्हें इसकी आवश्यकता है.” कथित वीडियो का उल्लेख करते हुए भागवत ने कहा कि प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से जो नहीं हुआ, उसे भी दिखाया जा सकता है. आरक्षण को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच छिड़े वाकयुद्ध के बीव भागवत ने आरक्षण के समर्थन में टिप्पणी की है.

वहीं, भागवत की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज कह रहा है कि वह आरक्षण के खिलाफ नहीं है, लेकिन पहले उसने आरक्षण का विरोध करने की बात कही थी. केंद्र शासित प्रदेश दमन तथा दीव में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने आरोप लगाया, ”उन्होंने (मोहन भागवत) ही बयान दिया था कि वह आरक्षण के विरोधी हैं. जो लोग आरक्षण के खिलाफ हैं वे उनकी पार्टी (भाजपा) में शामिल हो रहे हैं. वे उन सभी का स्वागत करते हैं जो आरक्षण के खिलाफ हैं और फिर वह (भागवत) कहते हैं कि वह आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं.” तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने शनिवार को आरोप लगाया था कि आरएसएस-भाजपा आरक्षण का विरोध करते हैं.

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