डोनबास पर नियंत्रण के लिए धीमी रफ्तार से लेकिन लगातार आगे बढ़ रहा है रूस

कीव. रूस हर दिन यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में बिना रुके हमले कर रहा है और अपने पड़ोसी देश के औद्योगिक क्षेत्र को कब्जे में लेने के लिए धीमी रफ्तार से ही सही, लेकिन लगातार आगे बढ़ रहा है. यूक्रेन में रूसी हमला करीब चार महीना पहले शुरु हुआ था और डोनबास की स्थिति पूरे युद्ध के परिणाम को प्रभावित कर सकती है. अगर रूस, डोनबास को कब्जे में ले लेता है तो इसका मतलब होगा कि यूक्रेन न केवल अपनी जमीन बल्कि शायद अपने सबसे सक्षम सैन्य बलों का एक बड़ा हिस्सा भी खो देगा. इससे रूस के लिए और क्षेत्र पर कब्जा करने की राह भी खुलेगी और वह यूक्रेन के आगे कई तरह की शर्तें भी रख सकता है.

वहीं, अगर रूस को हार का सामना करना पड़ा तो यूक्रेन को जवाबी कार्रवाई का मौका मिल जाएगा और संभवत: क्रेमलिन में राजनीतिक उथल-पुथल का कारण बन सकता है. यूक्रेन की राजधानी कीव और दूसरे सबसे बड़े शहर खार्किव पर कब्जा करने के लिए उचित योजना एवं समन्वय के बिना आक्रमण के शुरुआती प्रयासों के विफल रहने के बाद रूस ने डोनबास का रुख किया, जहां रूस सर्मिथत अलगाववादी 2014 से यूक्रेनी सेना से लड़ रहे हैं.

रूस अपनी पूर्व की गलतियों से सीख लेते हुए, अब अधिक सावधानी से आगे बढ़ रहा है और ऐसा लग रहा है कि इसमें सफल भी हो रहा है. औद्योगिक केंद्र डोनबास में कई खान और कारखाने हैं. लुहान्स्क और दोनेत्स्क इसके दो महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं. रूस ने 95 प्रतिशत लुहान्स्क और लगभग आधे दोनेत्स्क को अपने नियंत्रण में ले लिया है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के सलाहकार मायखाइलो पोदोलयक ने ‘बीबीसी’ को बताया कि यूक्रेन रोजाना अपने 100 से 200 सैनिक खो रहा है. रूस ने लगभग ‘‘ हर गैर-परमाणु हथियार से हमला किया है.’’ यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव ने युद्ध की स्थिति को ‘‘बेहद कठिन’’ करार दिया. एक प्राचीन देवता के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘ रूसी मोलोक के पास अपने नेता के अहंकार को संतुष्ट करने के लिए मानव जीवन को खत्म करने के कई साधन हैं.’’ ऐसा कहा जाता है कि मोलोक के समक्ष लोग अपने बच्चों की बलि देते थे.

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