रूस भारत के साथ समान, सम्मानजनक संबंध रखता है : राजदूत

नयी दिल्ली. रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा है कि उनका देश भारत के साथ समान और सम्मानजनक संबंधों को बहुत महत्व देता है तथा दोनों रणनीतिक साझेदारों के बीच बहुआयामी सहयोग दुनिया के ‘सबसे विस्तृत’ सहयोगों में से एक है. राजदूत ने यह भी कहा कि ‘‘मुख्य मुद्दों पर दोनों देशों का रुख समान या काफी हद तक मेल खाता है.’’ अलीपोव ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75वें वर्ष के अवसर पर ‘रशिया डाइजेस्ट’ पत्रिका से बातचीत में यह टिप्पणी की. उन्होंने बताया कि भारत को एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति निर्धारित समय के अनुसार अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है.

अलीपोव ने कहा, ‘‘रूस भारत के साथ समान और सम्मानजनक संबंध रखता है. हमारा सहयोग वैश्विक शांति, स्थिरता और सतत विकास के लिए एक निर्णायक कारक की भूमिका निभाता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य को लेकर आश्वस्त हैं. हम अपनी क्षमता का उपयोग करने और दोनों मित्र देशों के लोगों के लाभ के लिए नए क्षितिज तलाशने को आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं.’’ अलीपोव का यह बयान यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच आया है. भारत ने अभी तक रूसी कार्रवाई की निंदा नहीं की है और बातचीत के माध्यम से संकट के समाधान पर जोर दिया है.

भारत-रूस संबंधों के 75 साल पूरे होने का जिक्र करते हुए अलीपोव ने कहा कि दोनों देश इन वर्षों में ‘सच्ची दोस्ती और आपसी विश्वास’ बनाए रखने में सफल रहे हैं. रूसी राजदूत ने कहा, ‘‘आज का रूस-भारत बहुआयामी सहयोग दो अंतर सरकारी आयोगों की नियमित बैठकों, क्षेत्रवार मंत्रिस्तरीय, सुरक्षा सलाहकारों और वरिष्ठ अधिकारियों के संवाद, विदेश कार्यालय परामर्श तथा वैश्विक क्षेत्र में समन्वय के साथ दुनिया के सबसे विस्तृत सहयोगों में से एक है.’’ अलीपोव ने कहा कि रूस और भारत प्रमुख पहलों को सफलतापूर्वक लागू करना जारी रखे हुए हैं, जो सहयोग को ‘‘अद्वितीय’’ बनाते हैं.

उन्होंने कहा कि इन पहलों में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र परियोजना, एके-203 राइफल निर्माण कार्यक्रम, लड़ाकू विमान निर्माण में सहयोग, मुख्य युद्धक टैंक के निर्माण के साथ-साथ फ्रिगेट, पनडुब्बी, ब्रह्मोस और अन्य मिसाइल परियोजनाओं का निर्माण शामिल है.

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