संदेशखाली मामला दर्शाता है कि सनातम धर्म को मिटाने का दावा अभियान है विपक्ष का: भाजपा

नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और तमिलनाडु में कथित तौर पर हिंदुओं को निशाना बनाए जाने को लेकर शुक्रवार को विपक्षी दलों पर निशाना साधा और दावा किया कि इससे साबित होता है कि ‘सनातन धर्म’ को मिटाने का दावा महज एक बयान नहीं बल्कि एक अभियान है.

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने अपनी पार्टी के नेताओं को संकटग्रस्त संदेशखाली जाने की अनुमति नहीं देने और स्थानीय तृणमूल नेता शाहजहां शेख को गिरफ्तार नहीं करने पर तृणमूल कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधा. संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने शेख और उसके समर्थकों पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है.

त्रिवेदी ने संवाददाताओं से कहा कि शेख के खिलाफ प्रवर्तन निर्देशालय (ईडी) भ्रष्टाचार के एक मामले में जांच की जा रही है और वह एजेंसी के अधिकारियों पर हिंसक हमले का भी आरोपी है. उन्होंने दावा किया कि राजनीति का ऐसा बहुआयामी अपराधीकरण और आरोपी को संरक्षण देना भारतीय राजनीति में ‘अभूतपूर्व’ है.

ईडी अधिकारियों की एक टीम पर पांच जनवरी को भीड़ ने उस समय हमला किया था जब उन्होंने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में शाहजहां के आवास में प्रवेश करने की कोशिश की थी. हमले में तीन अधिकारी घायल हो गए थे. जिला पुलिस और शेख के परिवार के सदस्यों ने ईडी अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. शाहजहां तभी से फरार है.

त्रिवेदी ने संवाददाताओं से कहा कि यह केवल पश्चिम बंगाल सरकार की ओर उसे (शेख को) बचाए जाने के बारे ही नहीं है बल्कि यह एक खास मानसिकता है जो कुछ लोगों के ‘धर्मनिरपेक्ष संरक्षण’ में विश्वास करती है, भले ही वे अपराध और अत्याचार क्यों न करें.
उन्होंने कहा कि ‘धर्मनिरपेक्ष पार्टियां’ चुप हैं क्योंकि वे वोट बैंक की राजनीति के खिलाफ महिलाओं की शिकायतों को मापती हैं, यहां तक कि महिला अधिकारों के स्व-घोषित ”चैंपियन” भी चुप्पी बनाए हुए हैं.

राज्यसभा सदस्य ने बंगाल में अतीत में भी महिलाओं और हिंदुओं को निशाना बनाए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि ताजा मामला महज एक घटना नहीं है बल्कि यह चीज है जिसने बंगाल को दो सदियों से ज्यादा समय तक बर्बाद किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह हिंदुओं और मुसलमानों के बारे में नहीं है.

उन्होंने कहा, ”कुछ पार्टियां सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए मुस्लिमों में कट्टरपंथियों और आपराधिक तत्वों की रक्षा करने में विश्वास करती हैं. उन्हें भविष्य की चिंता नहीं है.” त्रिवेदी ने कर्नाटक में पारित एक नए कानून,जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार एक करोड़ रुपये से अधिक राजस्व वाले मंदिरों की आय का 10 प्रतिशत एकत्र करेगी और तमिलनाडु में कुछ द्रमुक नेताओं द्वारा ‘सनातन धर्म’ की आलोचना करने वाली पूर्व की टिप्पणियों का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि संदेशखाली घटना सहित ये सभी घटनाक्रम दिखाते हैं कि ‘सनातन धर्म का उन्मूलन केवल एक बयान नहीं बल्कि एक अभियान है’.

उन्होंने कहा कि इन दलों ने हज सब्सिडी दी, जिसे अब खत्म कर दिया गया है और अब उन्होंने मंदिरों पर कर लगाया है. त्रिवेदी ने कहा कि दक्षिण भारत में कांग्रेस की सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी द्रमुक के नेताओं ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और एचआईवी से की है और इसे खत्म करने की बात की है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों का एक इतिहास रहा है क्योंकि जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व वाली सरकार हिंदू मंदिरों को विनियमित करने के अदालत के फैसले को निष्प्रभावी बनाने के लिए एक कानून लेकर आई थी.

राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने इन घटनाक्रमों के बारे में एक शब्द नहीं बोला. त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि राज्य में लोकतंत्र नहीं है और पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गठबंधन का आह्वान करता है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस को सत्ता के लिए अपने कार्यकर्ताओं के शवों पर आगे बढ़ने में कुछ गलत नहीं लगता.

हिंदुओं को कथित तौर पर निशाना बनाए जाने और अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण दिए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है और दलगत राजनीति और चुनावों से बड़ा है. त्रिवेदी ने कहा कि पिछली सदी से इस रवैये ने भारतीय समाज को बहुत नुकसान पहुंचाया है और देश को विभाजित किया है. उन्होंने दावा किया कि जनता कांग्रेस और उसके ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगियों को चुनावों में सजा देगी.

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