संजय सिंह ने आबकारी नीति मामले में न बोलने की जमानत संबंधी शर्त का उल्लंघन किया: भाजपा

नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह पर दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले के बारे में नहीं बोलने की जमानत संबंधी शर्त के उल्लंघन का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने जो किया है, उसके गंभीर परिणाम होंगे.

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सिंह के वकील ने उच्चतम न्यायालय में कहा है कि वह मामले के बारे में नहीं बोलेंगे, लेकिन वह मीडिया से बातचीत में मामले का जिक्र करते रहे हैं और दावा करते रहे हैं कि कोई घोटाला नहीं हुआ है.

भाटिया ने कहा कि आप सांसद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित अन्य आरोपियों को भी क्लीन चिट दे रहे हैं. भाजपा नेता ने कहा कि सिंह लोगों को गुमराह करने के लिए तथ्यात्मक रूप से गलत बयानबाजी कर रहे हैं.

उन्होंने सिंह पर शीर्ष अदालत की अवमानना का आरोप लगाते हुए कहा, ”इसके परिणाम होंगे और वे बहुत गंभीर होंगे.” उन्होंने कहा कि सिंह ने आरोप लगाया है कि आप नेताओं के खिलाफ जबरदस्ती बयान देने के लिए गवाह खड़े किए गए. उन्होंने कहा कि इनमें से कई बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए हैं. भाटिया ने कहा कि मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयानों में कोई जबरदस्ती नहीं हो सकती.

उन्होंने आरोप लगाया कि संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करना और अदालतों की अवमानना करना आम आदमी पार्टी के चरित्र में है. भाटिया ने कहा, ”ऐसा लगता है कि सिंह केजरीवाल, सिसोदिया और खुद की राजनीतिक कब्र खोद रहे हैं.” भाजपा प्रवक्ता ने सिंह के इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि ईडी ने दस्तावेजी साक्ष्य, आरोपियों के व्हाट्सऐप रिकॉर्ड और उनके बीच ई-मेल का आदान-प्रदान किया है.

सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि भाजपा के वरिष्ठ नेतृत्व ने आबकारी नीति मामले में केजरीवाल को सलाखों के पीछे डालने की साजिश रची. जेल से जमानत पर बाहर आने के दो दिन बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने राघव मगुंटा पर केजरीवाल के खिलाफ झूठा बयान देने के लिए दबाव डाला.

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