वरिष्ठ नेता के इशारे पर सीतलवाड़ ने रची साजिश, धन प्राप्त किया : गुजरात सरकार

नयी दिल्ली. गुजरात सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया है कि 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में ‘‘निर्दोष लोगों’’ को फंसाने के लिए कथित रूप से सबूत गढ़ने के आरोप में गिरफ्तार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने एक वरिष्ठ नेता के इशारे पर अन्य आरोपियों के साथ मिलकर साजिश रची थी.

सीतलवाड़ की जमानत याचिका को लेकर शीर्ष अदालत में दायर एक हलफनामे में राज्य सरकार ने दावा किया है कि याचिकाकर्ता ने उक्त नेता के साथ बैठक की थी और ‘‘बड़ी मात्रा में धन’’ प्राप्त किया था. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति यू यू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ मंगलवार को सीतलवाड़ की याचिका पर सुनवाई करेगी. इस साल जून में दर्ज मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि प्राथमिकी केवल शीर्ष अदालत के 24 जून, 2022 के फैसले पर आधारित नहीं है.

शीर्ष अदालत ने 24 जून को कांग्रेस के पूर्व सांसद दिवंगत एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी की याचिका खारिज कर दी थी.
हलफनामे में कहा गया है कि यदि एक व्यक्ति कोई आरोप लगाता है जो फर्जी पाया जाता है, तो इसकी हमेशा जांच की जा सकती है कि उसने इस तरह के झूठे आरोप किस मकसद से लगाए और स्वतंत्र अपराध के तौर पर झूठे आरोप कैसे और क्यों लगाए गए.
इसमें आरोप लगाया गया है कि अब तक की गई जांच में कई नए सबूत सामने आए हैं जो एक बड़ी साजिश के एक हिस्से के रूप में अपराध की पुष्टि करते हैं.

हलफनामे में कहा गया है कि अब तक की गई जांच में कई गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं, जिसमें दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 (एक मजिस्ट्रेट द्वारा) के तहत चार लोगों के बयान भी शामिल हैं. इसमें कहा गया है कि इन गवाहों के बयानों से स्थापित होता है कि वर्तमान याचिकाकर्ता ने एक राजनीतिक दल के वरिष्ठ नेता के इशारे पर अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ मिलकर साजिश रची थी. शीर्ष अदालत ने इस मामले में जून में गिरफ्तार सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर 22 अगस्त को गुजरात सरकार से जवाब मांगा था.

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