वित्त वर्ष 2023-24 में 7% जीडीपी वृद्धि दर ‘सतर्क अनुमान’: आरबीआई डिप्टी गवर्नर

मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान सूझ-बूझ के साथ रखा गया ‘सतर्क’ अनुमान है. द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद संवाददाताओं से बातचीत में पात्रा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में स्थिर मूल्य पर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि का आंकड़ा सभी अनुमानों से अधिक रहा है.

उन्होंने कहा कि अगर कोई आरबीआई के दूसरी छमाही के लिए अनुमान को जोड़ता है, तो जीडीपी वृद्धि दर 2023-24 के लिए 6.9 प्रतिशत बैठेगा. लेकिन जीएएसटी संग्रह, वाहनों की बिक्री, पीएमआई (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) जैसे महत्वपूर्ण आंकड़ों को देखते से मजबूत आर्थिक गतिविधियों का पता चलता है.

मौद्रिक नीति विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे पात्रा ने कहा, ”ऐसे में, मौजूदा समय में सात प्रतिशत वृद्धि का अनुमान सूझ-बूझ के साथ सतर्क अनुमान है.” आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया. कई विशेषज्ञों का मानना था कि आरबीआई आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाएगा लेकिन किसी भी विशेषज्ञ ने 0.5 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद नहीं जतायी थी.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने वृद्धि का जिक्र करते हुए कहा कि दोपहिया वाहनों की मांग अधिक है, त्योहारों के दौरान 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई है. साथ ही उपभोक्ता सामान बनाने वाली कंपनियों ने ग्रामीण मांग में बदलाव की सूचना दी है.
उन्होंने कहा कि निजी पूंजीगत व्यय भी पुनरुद्धार के संकेत दिखा रहा है. यह खासकर पेट्रोलियम, स्टील, सीमेंट और रसायन जैसे क्षेत्रों में देखा जा रहा है. क्षमता उपयोग 74 प्रतिशत की सीमा तक पहुंच गया है. दास ने कहा, ”यह उस बिंदु पर पहुंच गया है जहां हम निजी निवेश में भी बढ़ोतरी की उम्मीद कर सकते हैं.”

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