बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला: पुलिस की रिपोर्ट पर अदालत दो मार्च को सुनाएगी फैसला

नयी दिल्ली. भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली एक नाबालिग पहलवान की शिकायत को रद्द करने का अनुरोध करने वाली पुलिस रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या नहीं, इस पर दिल्ली की एक अदालत दो मार्च को अपना आदेश सुना सकती है.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश छवि कपूर बृहस्पतिवार को आदेश पारित करने वाली थीं. हालांकि उन्होंने कहा कि मामले में कुछ स्पष्टीकरण की आवश्यकता है. सिंह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद हैं. एक अगस्त को चैंबर में हुई कार्यवाही के दौरान, नाबालिग पहलवान ने अदालत को बताया था कि वह मामले में दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट है और उसने जो ‘क्लोजर रिपोर्ट’ पेश की है, उसका वह विरोध नहीं करती है.

दिल्ली पुलिस ने पिछले साल 15 जून को मामला रद्द करने की मांग करते हुए अदालत के समक्ष एक रिपोर्ट दायर की थी. मामले को बंद करने की रिपोर्ट तब दायर की गई जब लड़की के पिता ने जांच के दौरान दावा किया कि उसने सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने सिंह के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के मामले को हटाने की सिफारिश की थी, लेकिन उन पर छह महिला पहलवानों द्वारा दर्ज एक अलग मामले में यौन उत्पीड़न और पीछा करने का आरोप लगाया था.

पुलिस ने नाबालिग पहलवान से जुड़ी शिकायत को यह कहते हुए रद्द करने की सिफारिश की थी कि ”कोई ठोस सबूत नहीं मिला.” पॉक्सो अधिनियम में न्यूनतम तीन साल की कैद का प्रावधान है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि अपराध किन धाराओं के तहत दर्ज किया गया है. ‘क्लोजर रिपोर्ट’ के बावजूद, अदालत को यह निर्णय लेना है कि इसे स्वीकार किया जाए या आगे की जांच का आदेश दिया जाए. सिंह ने लगातार आरोपों को खारिज किया है.

Related Articles

Back to top button