शरद पवार भाजपा के पाले में जाने की ‘गलती’ नहीं करेंगे : संजय राउत

मुंबई. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार अपने भतीजे अजित पवार की तरह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाने की ”गलती” नहीं करेंगे.
राकांपा नेता अजित पवार ने पिछले महीने महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे नीत भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. उनके साथ राकांपा के आठ अन्य विधायकों ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी.

शरद पवार की पार्टी राज्य में शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के साथ विपक्षी महा विकास आघाड़ी का घटक दल है. राउत ने शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक’ में लिखा, ”अगर अजित पवार अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाएं और चुनाव लड़ें तो वह सच में बड़े नेता बन सकते हैं. अगर अजित पवार भाजपा की मदद से वैसा ही करते हैं जैसा कि एकनाथ शिंदे ने किया तो उनकी राजनीति रेत के महल की तरह ढह जाएगी.” शिवसेना (यूबीटी) नेता ने आरोप लगाया कि अजित पवार ने अपने चाचा के दम पर राजनीति में मुकाम हासिल किया और अब वह उनका (चाचा) ही राजनीतिक करियर खत्म करने का काम कर रहे हैं.

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि शरद पवार ने अजित पवार से मुलाकात के बाद भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने दावा किया, ”शरद पवार को लगता है कि मोदी का समर्थन करना दमनकारी ताकतों का समर्थन करने की तरह है और जो उनकी पार्टी छोड़कर चले गए हैं, उनका राजनीतिक करियर भविष्य में खुद-ब-खुद खत्म हो जाएगा. शरद पवार भाजपा के पाले में जाने की गलती नहीं करेंगे. यह कोई व्यक्ति विशेष का मामला नहीं है, बल्कि लोकतंत्र बनाम तानाशाही का मामला है.”

राउत ने अजित पवार की तुलना ”कठफोड़वा पक्षी” से की जो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कुर्सी में ”छेद करेगा” और उन्होंने दावा किया कि यह तय है कि उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस इस पक्षी को शक्ति देने का काम करेंगे. उन्होंने दावा किया, ”अजित पवार मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं और फडणवीस का समर्थन करने वाले भाजपा विधायकों को लगता है कि शिंदे अब बोझ बन गए हैं तथा उनके कारण पार्टी (भाजपा) को काफी नुकसान हो रहा है. शिंदे का यह दावा कि उनसे 2024 के बाद भी मुख्यमंत्री बने रहने का वादा किया गया है, यह सही नहीं है क्योंकि ऐसा होता तो अजित पवार को शामिल नहीं किया जाता.”

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