शीना बोरा हत्या मामला: उच्चतम न्यायालय ने इंद्राणी मुखर्जी को जमानत दी

नयी दिल्ली/मुंबई. उच्चतम न्यायालय ने इंद्राणी मुखर्जी को उनकी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में बुधवार को जमानत दे दी. वह मामले में मुख्य आरोपी है. न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने कहा कि साढ़े छह साल तक जेल में रहना एक लंबी अवधि है और मुकदमे की सुनवाई जल्द पूरी होने की संभावना नहीं है.

पीठ ने कहा कि इंद्राणी मुखर्जी 2015 से जेल में हैं और अभियोजन पक्ष द्वारा उद्धृत 237 गवाहों में से केवल 68 का ही अब तक परीक्षण किया गया है तथा इस वजह से मुकदमा जल्द पूरा होने की संभावना नजर नहीं आती. न्यायालय ने कहा, “याचिकाकर्ता पर हत्या के इरादे से अपनी बेटी के अपहरण की आपराधिक साजिश में शामिल होने का आरोप है. याचिकाकर्ता मामले में सह आरोपी पीटर मुखर्जी की पत्नी है. याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप है कि उसने पीटर मुखर्जी और उसकी पहली पत्नी के बेटे राहुल मुखर्जी के साथ अपनी बेटी के ‘लिव इन रिलेशनशिप’ को देखते हुए हत्या की योजना बनाई.’’

इसने कहा, ‘‘हम याचिका के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं, क्योंकि यह पक्षकारों के हितों के लिये नुकसानदेह हो सकता है. इस बात को देखते हुए कि याचिकाकर्ता साढ़े छह साल से जेल में है और अगर अभियोजन पक्ष 50 प्रतिशत गवाह भी पेश कर देता है, तो भी मुकदमा जल्द खत्म नहीं होगा, हमारा मत है कि याचिकाकर्ता जमानत पर रिहा होने की हकदार है.’’

पीठ ने यह भी कहा, “याचिकाकर्ता को निचली अदालत की संतुष्टि के अधीन और उन्हीं शर्तों पर जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है, जो पहले (पीटर मुखर्जी पर) लगाई गई थीं.” पूर्व मीडिया दिग्गज पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी की शादी 2019 में उनके कारावास में रहने की अवधि के दौरान टूट गई थी.

इंद्राणी मुखर्जी अगस्त 2015 में गिरफ्तारी के बाद से मुंबई के भायखला महिला कारागार में बंद हैं. इंद्राणी मुखर्जी की ओर से अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पेश हुए. रोहतगी ने कहा कि मुकदमे में सुनवाई जल्द पूरी नहीं होने वाली है, क्योंकि इसमें अभी बड़ी संख्या में गवाहों का परीक्षण किया जाना बाकी है, जबकि मामले में सह-आरोपी पीटर मुखर्जी को 2020 में पहले ही जमानत मिल चुकी है.

सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने अदालत से कहा कि मामले में इंद्राणी मुखर्जी के शामिल होने के बारे में कॉल रिकॉर्ड के रूप में पुख्ता सबूत हैं. उन्होंने कहा कि शेष 50 प्रतिशत गवाहों को त्याग दिया गया है और मुकदमा जल्द ही पूरा हो जाएगा. राजू ने जमानत याचिका का विरोध किया और शीर्ष अदालत को बताया कि महत्वपूर्ण गवाहों में से शामिल शीना बोरा के कथित प्रेमी राहुल मुखर्जी से 27 मई को पूछताछ की जानी है.

शीना बोरा की हत्या के मामले की सुनवाई कर रही केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत कई बार इंद्राणी की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है. गौरतलब है कि मुखर्जी, उसके चालक श्यामवर राय और पूर्व पति संजीव खन्ना ने अप्रैल 2012 में एक कार में शीना बोरा (24) की कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या कर दी थी और उसका शव महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के एक जंगल में जला दिया गया था.

बोरा, इंद्राणी के पूर्व के रिश्ते से पैदा हुई बेटी थी. इस साजिश का हिस्सा होने के आरोप में पूर्व मीडिया दिग्गज पीटर मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया गया था. उन्हें फरवरी 2020 में उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी. हालांकि, जेल में बंद रहने के दौरान ही उन्होंने इंद्राणी मुखर्जी से तलाक ले लिया था.

शीना बोरा हत्याकांड : घटनाक्रम

उच्चतम न्यायालय ने मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को उनकी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में बुधवार को जमानत दे दी. हत्याकांड का पूरा घटनाक्रम निम्नलिखित है.
24 अप्रैल, 2012 : शीना बोरा की कंपनी को उनका त्याग पत्र मिला, जिसके बारे में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बाद में दावा किया था कि उनके भाई मिखाइल द्वारा उनकी मृत्यु के बाद यह भेजा गया था.
23 मई, 2012 : स्थानीय पुलिस को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में एक क्षत-विक्षत शव मिला. बाद में सीबीआई ने दावा किया कि यह शीना का शव है.
21 अगस्त, 2015 : इंद्राणी मुखर्जी के पूर्व चालक श्यामवर राय को पुलिस ने अवैध हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया. उसने पुलिस को तीन साल पहले शीना की हत्या और अपराध में इंद्राणी की कथित संलिप्तता के बारे में बताया.
25 अगस्त, 2015 : इंद्राणी मुखर्जी को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया.
26 अगस्त, 2015 : इंद्राणी मुखर्जी के पूर्व पति संजीव खन्ना को कोलकाता में गिरफ्तार किया गया.
एक सितंबर, 2015 : इंद्राणी मुखर्जी के पूर्व साथी कोलकाता निवासी सिद्धार्थ दास ने शीना बोरा के जैविक पिता होने का दावा किया.
18 सितंबर, 2015 : मामला सीबीआई को स्थानांतरित. केंद्रीय एजेंसी ने इंद्राणी मुखर्जी, संजीव खन्ना और श्यामवर राय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की.
19 नवंबर, 2015 : इंद्राणी के तत्कालीन पति पीटर मुखर्जी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया .
जनवरी 2016 : सीबीआई ने इंद्राणी मुखर्जी और श्यामवर राय के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. बाद में पूरक आरोपपत्र में पीटर मुखर्जी का भी नाम भी शामिल किया गया.
जनवरी-फरवरी 2017 : मामले में सुनवाई शुरू. सीबीआई की विशेष अदालत ने इंद्राणी, पीटर मुखर्जी और संजीव खन्ना पर शीना बोरा की हत्या के अलावा साजिश, अपहरण, सबूत नष्ट करने और झूठी जानकारी देने को लेकर आरोपित किया.
4 अक्टूबर, 2019 : इंद्राणी और पीटर मुखर्जी ने कैद में रहते हुए अपनी शादी खत्म करने का फैसला किया. मुंबई के परिवार न्यायालय ने उनका तलाक मंजूर किया.
6 फरवरी, 2020 : पीटर मुखर्जी को मुंबई उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए जमानत दे दी कि मामले में उनकी संलिप्तता को साबित करने के लिए प्रथम दृष्टया कोई सबूत नहीं है.
6 फरवरी, 2020 : मुंबई उच्च न्यायालय ने इंद्राणी की जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि श्यामवर राय ने उन्हें मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया और बीमारियों के उनके दावों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है.
20 मार्च, 2020 : सीबीआई द्वारा जमानत आदेश को चुनौती नहीं देने के फैसला के बाद पीटर मुखर्जी आर्थर रोड जेल से रिहा .
18 मई, 2022 : उच्चतम न्यायालय ने इंद्राणी मुखर्जी की गिरफ्तारी के लगभग सात साल बाद जमानत दी.

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