मोहम्मदाबाद में दुकानें बंद, बांदा से पैतृक निवास ले जाया जा रहा मुख्तार अंसारी का शव

न्यायिक हिरासत में सहयोगियों की हत्या से डर गया था मुख्तार अंसारी, शीर्ष अदालत में लगायी थी गुहार

लखनऊ/गाजीपुर/बांदा. बांदा मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के एक समूह द्वारा पोस्टमॉर्टम किए जाने के बाद मुख्तार अंसारी के शव को गाजीपुर जिले के मोहम्­दाबाद यूसुफपुर स्थित उसके पैतृक निवास ले जाया जा रहा है. इस बीच, मोहम्मदाबाद यूसुफपुर में दुकानें और बाजार बंद हैं तथा लोग मुख्तार के शव का इंतजार कर रहे हैं.

बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज से पोस्टमॉर्टम के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच माफिया मुख्तार अंसारी का शव लेकर 26 गाड़ियों का काफिला शाम पौने पांच बजे गाजीपुर के लिए रवाना हो गया. इस काफिले में मौजूद मुख्तार के वकील नसीम हैदर ने बताया कि अंसारी का शव उसके छोटे बेटे उमर अंसारी, बहू निकहत अंसारी और दो चचेरे भाइयों के सुपुर्द किया गया. उन्होंने कहा कि शव के साथ एंबुलेंस में उमर अंसारी, निकहत अंसारी और दोनों चचेरे भाई बैठे हैं.

सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस अधिकारियों की 24 गाड़ियां काफिले में हैं और दो गाड़ियां अंसारी के परिवार की हैं. मुख्तार के शव का पोस्टमॉर्टम बांदा में किया गया जो मोहम्मदाबाद (गाजीपुर) से लगभग 400 किलोमीटर दूर है और शव को फतेहपुर, कौशांबी, प्रयागराज, भदोही तथा वाराणसी आदि जिले के रास्ते उसके पैतृक निवास ले जाया जाएगा. अंसारी के शव को दफनाने के लिए उसके पैतृक स्थान पर काली बाग स्थित पारिवारिक कब्रिस्तान में गड्ढा खोदा गया है और अंतिम संस्कार का समय शव को लाए जाने के बाद तय किया जाएगा. इस बीच, गाजीपुर और मऊ समेत आसपास के जिलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.

पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि अंसारी के शव को काली बाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा जो अंसारी परिवार के आवास से करीब आधा किलोमीटर दूर स्थित है. उन्होंने कहा कि इसी कब्रिस्तान में मुख्तार के माता-पिता की कब्र हैं. परिजनों के अनुसार, मुख्तार के शव को देर शाम तक लाए जाने की संभावना है.

अंसारी परिवार के आवास से कब्रिस्तान तक भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और जगह-जगह अवरोधक लगाए गए हैं. पुलिस क्षेत्राधिकारी अतर सिंह और मोहम्मदाबाद कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक पवन कुमार उपाध्याय ने बताया कि दफनाने के लिए गड्ढा तैयार कर लिया गया है और परिजन बता रहे हैं कि शव को लाए जाने के बाद ही दफनाने का समय तय होगा. उनके अनुसार, परिवार के सदस्यों ने कहा कि यदि शव को रात 10 बजे तक लाना संभव होता है तो इसे शुक्रवार को ही सुपुर्द ए खाक किया जाएगा, अन्यथा यह शनिवार सुबह किया जाएगा.

बांदा मेडिकल कॉलेज स्थित पोस्टमॉर्टम हाउस में अंसारी के अधिवक्­ता नसीम हैदर ने कहा था कि शव देर रात तक ही गाजीपुर पहुंचने की संभावना है और परिवार अंतिम संस्कार करने पर फैसला करेगा. बांदा पहुंचे उमर अंसारी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि उनके पिता की योजनाबद्ध तरीके से हत्या की गई है. उन्होंने मांग की कि पोस्टमॉर्टम दिल्­ली एम्स (अखिल भारतीय आयुर्वज्ञिान संस्थान) के चिकित्सकों के दल से कराया जाना चाहिए.

उमर अंसारी ने पत्र में कहा, ”हमें बांदा के प्रशासन और चिकित्सकों के दल से न्याय मिलने का कोई भरोसा नहीं है.” माफिया से नेता बना अंसारी बांदा जेल में बंद था. उसे बृहस्पतिवार को तबीयत बिगड़ने के बाद बांदा जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई.

बांदा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सुनील कौशल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर कहा, ”मेडिकल कॉलेज में दिल का दौरा पड़ने से अंसारी की मौत हो गई.” इस बीच, मोहम्मदाबाद यूसुफपुर में दुकानें और बाजार बंद हो गए हैं और लोग मुख्तार के शव का इंतजार कर रहे हैं. मुहम्मदाबाद गाजीपुर जिले का तहसील मुख्यालय है, जहां लोगों ने अपनी दुकानें बंद रखी हैं. लोग युसूफपुर मोहम्मदाबाद में मुख्तार अंसारी के आवास पर पहुंचने लगे हैं.

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व जिलाध्यक्ष गुलाब राम ने पीटीआई की वीडियो सेवा से कहा, ”लोग मर्माहत हैं. सहानुभूति में दुकानें बंद हैं. वह (मुख्तार अंसारी) सबके सुख-दुख में शामिल होते थे.” उन्होंने कहा लोग अंतिम दर्शन करने के लिए मुख्तार अंसारी के शव का इंतजार कर रहे हैं.

वहीं, स्थानीय दुकानदार अलगू कुशवाहा ने कहा, ”उनसे (मुख्तार अंसारी से) लोगों को सहानुभूति है.” कुशवाहा ने पीटीआई की वीडियो सेवा से कहा कि किसी ने दुकान बंद करने को नहीं कहा है, न किसी व्यापारी संगठन ने और न ही किसी दल ने लेकिन लोगों ने खुद से ही दुकानें बंद की हैं. वार्ड नंबर 25 लोहटिया के सभासद संजीव कुमार गिहार ने पत्रकारों से कहा कि किसी के कहने से नहीं, बल्कि सहानुभूति के चलते बाजार बंद है.

हालांकि संजीव ने कहा, ”जैसी करनी-वैसी भरनी. 2004 में मेरा भाई मारा गया और मेरा अपहरण हुआ था.” मुख्तार अंसारी की मौत के बाद मोहम्मदाबाद से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक रहे कृष्णानंद राय के भतीजे आनन्­द राय ने पत्रकारों से कहा, ”भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं.” उन्होंने कहा कि यह भगवान का न्याय है. वर्ष 2005 में विधायक कृष्णानंद की राय की हत्या में अंसारी और उसके परिजनों को आरोपी बनाया गया था. इस बीच, कृष्­णानंद राय की पत्नी व पूर्व विधायक अलका राय ने अपने बेटे पीयूष राय के साथ शुक्रवार को काशी विश्­वनाथ पहुंचकर पूजा-अर्चना की.

अलका राय ने कहा, ”हमको बाबा विश्वनाथ पर पूरा भरोसा था. आज योगी जी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) और मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेन्­द्र मोदी) की वजह से न्याय मिला.” हालांकि उन्होंने कहा, ”मैं हमेशा दर्शन करने आती हूं.” मुख्तार की मौत को विपक्षी दलों द्वारा साजिश बताए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ”यह गलत बात है. उसने बहुत से बच्चों को अनाथ किया है. उसका अपने कुकर्मों के चलते अंत हुआ और इस धरती से बोझ खत्म हुआ.”

वहीं, पीयूष राय ने कहा कि विपक्ष को बोलने के लिए कोई मुद्दा चाहिए. उधर, मऊ में भी सुरक्षा व्यवस्था बढ.ा दी गई है और चौतरफा पुलिस बल तैनात किया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि मऊ, गाजीपुर, बलिया समेत आसपास धारा 144 लगाई गई है. इस बीच, भदोही से मिली खबर के अनुसार, मुख्तार अंसारी की बांदा में मौत के बाद उसके शव को गाज़ीपुर ले जाए जाने के मद्देनजर भदोही जिले में राष्­ट्रीय राजमार्ग पर पीएसी के साथ भारी पुलिस बल तैनात है. इसके साथ ही जिले के तीन थानों में एक-एक प्लाटून अर्धसैनिक बल ‘सीमा सुरक्षा बल’ को रिजर्व में रखा गया है.

पुलिस क्षेत्राधिकारी (यातायात) भुवनेश्वर प्रसाद पांडेय ने बताया कि प्रयागराज जिले की सीमा से भदोही में राष्ट्रीय राजमार्ग पर किसी भी तरह का व्यवधान पैदा न हो, इसके लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. बलिया से मिली खबर के अनुसार, अंसारी की मौत के बाद गाजीपुर से सटे बलिया जिले में प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने बताया कि मुख्तार अंसारी की मौत की सूचना मिलने के बाद सभी प्रशासनिक अधिकारियों को पूरी तरह से सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है.

न्यायिक हिरासत में सहयोगियों की हत्या से डर गया था मुख्तार अंसारी, शीर्ष अदालत में लगायी थी गुहार
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 से न्यायिक हिरासत में कम से कम चार करीबी सहयोगियों की हत्या से माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी को मौत का डर सताने लगा था. मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने जेल में अपने पिता की “हत्या” की आशंका जताते हुए उच्­चतम न्यायालय में एक रिट याचिका भी दायर की थी.

बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की बृहस्पतिवार को दिल का दौरा पड़ने से वहां के एक मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई थी. साल 2017 में उप्र में भाजपा की सरकार के सत्ता में आने के बाद मुख्तार अंसारी के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू हो गया. अंसारी के खिलाफ 60 से अधिक मामले दर्ज थे.

उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के एक साल बाद मऊ से पांच बार विधायक रहे अंसारी को सबसे बड़ा झटका तब लगा, जब विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के आरोपी प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या कर दी गई. झांसी जेल से बागपत जेल लाए जाने के एक दिन बाद बजरंगी की नौ जुलाई, 2018 को एक अन्य गैंगस्टर सुनील राठी ने जेल में ही हत्या कर दी थी.

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सनसनीखेज हत्या के बाद मुख्तार अंसारी घबरा गया और उसके वकील उसे उत्तर प्रदेश से बाहर की जेल में स्थानांतरित करवाने का प्रयास करने लगे. जनवरी 2019 में उसे जबरन वसूली के एक मामले में पंजाब में पेश किया गया, जहां से उसको रोपड़ जेल ले जाया गया था. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अंसारी को वापस भेजने के लिए कम से कम 23 अनुस्मारक (रिमाइंडर) पंजाब सरकार को दिये गये. बार-बार प्रयासों के बावजूद मुख्तार लगभग दो वर्षों तक रोपड़ जेल में रहा.

अधिकारियों के अनुसार, ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब की तत्कालीन कांग्रेस सरकार उसकी चिकित्सीय स्थिति का हवाला देकर रोपड़ जेल से उसके स्थानांतरण को टालती रही. उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद अप्रैल 2021 में अंसारी को अंतत? उत्तर प्रदेश वापस लाया गया और बांदा जेल भेज दिया गया.

अंसारी के वापस लौटने के कुछ ही हफ्ते बाद उसके दो सहयोगियों मेराजुद्दीन और मुकीम काला की चित्रकूट जेल के अंदर एक अन्य गैंगस्टर ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. दोनों की हत्या करने वाले गैंगस्टर अंशु दीक्षित को भी पुलिस ने मार गिराया था.
पिछले साल जून में मुख्तार अंसारी के एक अन्य सहयोगी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की एक हमलावर ने लखनऊ में अदालत परिसर के अंदर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी.

संजीव माहेश्वरी के खिलाफ भाजपा विधायक ब्रह्म दत्त द्विवेदी की हत्या सहित 26 मामले दर्ज थे. विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में मुन्ना बजरंगी और संजीव भी मुख्तार अंसारी के साथ सह-आरोपी थे. पिछले साल दिसंबर में उमर अंसारी द्वारा उच्चतम न्यायालय में दायर की गई रिट याचिका में जीवा और मुन्ना बजरंगी की हत्याओं का भी जिक्र किया गया था. यह आशंका जताते हुए कि राज्य सरकार बांदा जेल में उनके पिता की ‘हत्या’ करने की योजना बना रही है, उमर अंसारी ने अपनी याचिका में शीर्ष अदालत से मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश के बाहर किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने की अपील की थी.

रिट याचिका के जवाब में उप्र सरकार ने शीर्ष अदालत को आश्वासन दिया कि “आवश्यकतानुसार सुरक्षा में आवश्यक वृद्धि की जाएगी”, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हिरासत में रहने के दौरान मुख्तार अंसारी को कोई नुकसान न हो. जब उसके सहयोगी मारे जा रहे थे, तो राज्य सरकार ने मुख्तार पर दबाव बनाए रखा. पुलिस मुख्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पुलिस ने अंसारी से जुड़े 292 लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की. दिसंबर 2023 तक इनमें से कई सहयोगियों पर गिरोहबंद अधिनियम (गैंगस्टर एक्ट) के तहत मामला दर्ज किया गया, जबकि 186 को गिरफ्तार किया गया.

अधिकारियों के अनुसार, सरकार ने राज्य भर में मुख्तार अंसारी या उसके सहयोगियों से जुड़ी करोड़ों की संपत्तियों को भी जब्त कर लिया और उसके आपराधिक साम्राज्य का समर्थन करने वालों की अवैध कमाई को भी जब्त कर उसके आर्थिक नेटवर्क को भी ध्वस्त कर दिया.

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