सिसोदिया ने दोषपूर्ण आबकारी नीति बनाने की ‘साजिश’ रची: ईडी का आरोप

नयी दिल्ली. दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 290 करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत और ‘अपराध से आय’ अर्जित करने के वास्ते दोषपूर्ण आबकारी नीति तैयार करने के लिए अन्य लोगों के साथ मिलकर ‘‘साजिश’’ रची. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को यहां एक अदालत के समक्ष यह आरोप लगाया.

संघीय जांच एजेंसी ने बृहस्पतिवार को तिहाड़ जेल में 51 वर्षीय सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. एजेंसी ने सिसोदिया को शुक्रवार को एक विशेष अदालत के समक्ष पेश किया जिसने उन्हें 17 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया. ईडी ने सिसोदिया की हिरासत का अनुरोध करते हुए अपनी अर्जी में कहा, ‘‘ अपराध से कम से कम 292.8 करोड़ रुपये की आय (अब तक की गणना के अनुसार और जांच के दौरान बढ़ने की संभावना है) अर्जित करने के वास्ते साजिश रची गई.’’

इसमें कहा गया है कि सिसोदिया ने ‘‘अन्य व्यक्तियों के साथ साजिश रची और वह दोषपूर्ण नीति बनाने में सक्रिय रूप से शामिल थे … सिसोदिया ने अपराध से आय, हस्तांतरण, छुपाने में भूमिका निभाई.’’ सिसोदिया को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली की आबकारी नीति (जिसे अब वापस ले लिया गया है) में कथित अनियमितताओं के मामले में गिरफ्तार किया था. इसके बाद ईडी ने इसी से जुड़े धन शोधन के एक मामले में तिहाड़ जेल में सिसोदिया से पूछताछ की और बृहस्पतिवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.

ईडी ने दावा किया कि इस मामले में आरोपी कंपनी ‘साउथ ग्रुप’ से ‘रिश्वत’ के रूप में 100 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे. ईडी ने यह भी दावा किया कि इंडोस्पिरिट्स कंपनी ने 192.8 करोड़ रुपये का लाभ कमाया, जो कि आबकारी नीति 2021-22 में की गई कथित अनियमितताओं के माध्यम से उत्पन्न ‘‘अपराध की आय’’ है. एजेंसी ने यह भी दावा किया कि सिसोदिया ने सात मार्च और नौ मार्च को तिहाड़ जेल में पूछताछ के दौरान ‘‘झूठे’’ बयान दिए.

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