आय से अधिक संपत्ति मामले में उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रमुख सचिव की याचिका खारिज की

नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के पूर्व प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह और उनकी पत्नी की ओर से दायर उस अर्जी पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया दिया जिसमें उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले को सीबीआई को हस्तांतरित करने का अनुरोध किया गया है.

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने फैसले में कहा कि यह हस्तांतरण के लिहाज से उपयुक्त मामला नहीं है. पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा ने कहा, ‘‘हम देख रहे हैं कि दिन प्रतिदिन राजनीति किसी न किसी रूप में अदालत में लाई जाती है. ऐसा नहीं है कि हम देख नहीं सकते और समझ नहीं सकते. इस मामले में आप के पास अपने उपाय हैं.’’ सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ए सुंदरम ने कहा कि राज्य के अधिकारियों द्वारा दंपति के जीवन को नरक बना दिया गया है और खुद मुख्यमंत्री ने लिखा है कि मामले की जांच राज्य पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा की जानी चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा उत्पीड़न किया जा रहा है. कथक नृत्यांगना मेरी पत्नी को भी उन लोगों ने प्रताड़ित करना शुरू कर दिया है. अब कोई भी उनके साथ नृत्य नहीं करना चाहता. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हमें दस्तावेज दिखाए जिसमें राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ व्हाट्सऐप चैट का ब्योरा था कि कैसे उन्होंने हमारे लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं.’’ वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने सिंह दंपति की ओर से कहा कि उनके खिलाफ अतार्किक जांच जारी है. लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और वकील सुमीर सोढ़ी ने आरोपों को दुर्भावनापूर्ण बताया.

दंपति को झटका देते हुए शीर्ष अदालत ने इसके पहले भी छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के उस फैसले को दरकिनार कर दिया था जिसमें उनके खिलाफ प्राथमिकी को रद्द किया गया था.भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी सिंह छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में एक शक्तिशाली नौकरशाह थे.

वह नवंबर 2022 में कॉरपोरेट मामलों के प्रमुख के रूप में अडानी समूह में शामिल हो गए. अडानी ने जब एनडीटीवी को अपने नियंत्रण लिया तब सिंह समाचार प्रसारकों के बोर्ड में नियुक्त अडाणी समूह के निदेशकों में से एक थे. सिंह दंपति के खिलाफ फरवरी 2020 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी) (आपराधिक साजिश) के तहत उचित शर्मा द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई और मामला दर्ज हुआ.

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