सूरत का घटनाक्रम बाबासाहेब के संविधान को खत्म करने की दिशा में बढ़ाया गया कदम: राहुल

नयी दिल्ली. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात के सूरत संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के निर्विरोध विजेता घोषित किए जाने के बाद सोमवार को दावा किया कि यह बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के संविधान को खत्म करने की दिशा में बढ़ाया गया एक और कदम है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि तानाशाह की असली ‘सूरत’ एक बार फिर देश के सामने है.

गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से अन्य उम्मीदवारों के नामांकन पत्र वापस लिए जाने के बाद सोमवार को भाजपा के उम्मीदवार मुकेश दलाल को इस सीट से निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया. रविवार को निर्वाचन अधिकारी ने सूरत सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भाणी का नामांकन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में प्रथम दृष्टया विसंगति होने के बाद रद्द कर दिया था.

राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”तानाशाह की असली ‘सूरत’ एक बार फिर देश के सामने है! जनता से अपना नेता चुनने का अधिकार छीन लेना बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान को खत्म करने की तरफ बढ़ाया एक और कदम है.” उन्होंने कहा, ”मैं एक बार फिर कह रहा हूं कि यह सिर्फ सरकार बनाने का चुनाव नहीं है, यह देश को बचाने का चुनाव है, संविधान की रक्षा का चुनाव है.” कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि लोकतंत्र ख.तरे में है.

उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”आप क्रोनोलॉजी समझिए. सूरत जिला चुनाव अधिकारी ने सूरत लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी का नामांकन रद्द कर दिया. कारण ”तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर के सत्यापन में खामीह्व बतायी गयी है.” रमेश का कहना था, ”कुछ इसी तरह का कारण बताकर अधिकारियों ने सूरत से कांग्रेस के वैकल्पिक उम्मीदवार सुरेश पडसाला के नामांकन को ख.ारिज कर दिया. कांग्रेस पार्टी बिना उम्मीदवार के रह गई है. भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल को छोड़कर बाकी सभी उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. 7 मई 2024 को मतदान से लगभग दो सप्ताह पहले ही 22 अप्रैल, 2024 को सूरत लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार को ह्लनिर्विरोधह्व जिता दिया गया.”

उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री मोदी के ‘अन्याय काल’ में एमएसएमई मालिकों और व्यवसायियों की परेशानियों एवं गुस्से को देखते हुए भाजपा इतनी बुरी तरह से डर गई है कि वह सूरत लोकसभा के ”मैच को फ.क्सि” करने का प्रयास कर रही है. इस सीट को वे लोग 1984 के लोकसभा चुनाव के बाद से लगातार जीतते आ रहे हैं.” रमेश ने दावा किया कि चुनाव, लोकतंत्र, बाबासाहेब अंबेडकर का संविधान सब कुछ भयंकर ख.तरे में हैं. उन्होंने कहा, ”मैं दोहरा रहा हूं कि यह हमारे जीवनकाल का सबसे महत्वपूर्ण चुनाव है.

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