यूक्रेन संकट के हल के लिए वार्ता और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता: मोदी ने पुतिन से कहा

नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने टेलीफोन पर बात की और अपने इस आ’’ान को दोहराया कि यूक्रेन संकट हल करने के लिए बातचीत और कूटनीति ‘‘एकमात्र रास्ता’’ है. दोनों देशों के नेताओं ने इसके साथ ही ऊर्जा, व्यापार और रक्षा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा भी की.

रूस के एक बयान में कहा गया है कि पुतिन ने ‘‘मोदी के अनुरोध पर यूक्रेन को लेकर रूस के रुख का बुनियादी आकलन’’ पेश किया.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को जी-20 की भारत की मौजूदा अध्यक्षता के बारे में जानकारी दी और इसकी प्रमुख प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला. यह इस साल दोनों नेताओं के बीच पांचवीं टेलीफोन वार्ता थी. दोनों नेताओं ने 24 फरवरी, दो मार्च, सात मार्च और एक जुलाई को फोन पर बातचीत की.

मोदी और पुतिन ने गत 16 सितंबर को उज्बेकिस्तान के समरकंद में एक द्विपक्षीय बैठक की थी, जिस दौरान प्रधानमंत्री ने उनसे कहा था कि ‘‘आज का युग युद्ध का नहीं है’’ और उन्होंने रूसी नेता को संघर्ष को समाप्त करने के लिए प्रेरित किया था. पीएमओ ने एक बयान कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर समरकंद में अपनी बैठक के बाद द्विपक्षीय संबंधों के कई पहलुओं की समीक्षा की, जिसमें ऊर्जा सहयोग, व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा सहयोग और अन्य प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं.’’

उसने कहा, ‘‘यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ में, प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन के साथ बातचीत के दौरान अपनी इस बात को दोहराया कि वार्ता और कूटनीति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.’’ दोनों नेताओं के बीच फोन पर यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब कुछ ही दिन पहले यह बात सामने आयी थी कि मोदी इस साल वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए रूस की यात्रा नहीं करेंगे. पुतिन पिछले साल सम्मेलन के लिए भारत आये थे.

अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को जी-20 में भारत की मौजूदा अध्यक्षता के बारे में जानकारी दी और इसकी प्रमुख प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की भारत की अध्यक्षता के दौरान दोनों देशों के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद भी जताई.’’ पीएमओ ने कहा कि दोनों नेताओं ने एकदूसरे के साथ नियमित संपर्क में रहने पर सहमति जतायी.

रूस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने परस्पर निवेश, ऊर्जा, कृषि, परिवहन एवं साजो सामान जैसे क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की. इसमें कहा गया, ‘‘रूसी-भारतीय विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के सिद्धांतों पर विकसित हो रहे द्विपक्षीय सहयोग के उच्च स्तर पर संतोष व्यक्त करते हुए, दोनों नेताओं ने परस्पर निवेश, ऊर्जा, कृषि, परिवहन और साजो सामान जैसे क्षेत्रों में व्यावहारिक बातचीत की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की.’’ इसमें कहा गया है कि मोदी और पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों के ढांचे के तहत नजदीकी समन्वय जारी रखने के महत्व को रेखांकित किया, जिसमें जी20 और शंघाई सहयोग संगठन में भारत की अध्यक्षता भी शामिल है.

इसमें कहा गया, ‘‘नरेंद्र मोदी के अनुरोध पर, व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को लेकर रूस के रुख का बुनियादी आकलन पेश किया.’’ अधिकारियों ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच टेलीफोन पर बातचीत ऐसे दिन हुई जिस दिन रूसी सेना ने पूरे यूक्रेन में कम से कम 60 मिसाइल दागी, जिससे कीव सहित कम से कम चार शहरों में विस्फोट होने की जानकारी मिली है.

पश्चिमी देशों में बढ़ती बेचैनी के बावजूद भारत रूस से कच्चे तेल की खरीद में तेजी ला रहा है. नयी दिल्ली ने अभी तक यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की आलोचना नहीं की है और वह बातचीत के माध्यम से संघर्ष को हल करने के लिए दबाव डाल रहा है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले महीने रूस का दौरा किया था, जिस दौरान दोनों पक्षों ने अपने आर्थिक संबंध का विस्तार करने का संकल्प जताया था जिसमें नयी दिल्ली द्वारा अपने पुराने सहयोगी देश से पेट्रोलियम उत्पादों के आयात भी शामिल है.

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